जबलपुर विकास प्राधिकरण का दफ्तर है साहब… यहां नियम नहीं चलते
जबलपुर, यशभारत। जबलपुर शहर के सुनियोजित और संतुलित विकास के उद्देश्य से 11 जनवरी 1980 को जबलपुर विकास प्राधिकरण की स्थापना हुई। कार्यालय के स्थापित करने के पीछे उद्देश्य साफ है परंतु जानकर हैरानी होगी कि इस कार्यालय में नियमों को कायदों को जेब में रखा जाता है। मतलब यहां के अधिकारी कब कार्यालय आए और कब चले जाए इसका कोई टाइम नहीं है। यशभारत की टीम जब सुबह 11 बजे कार्यालय पहंुची तो वहां कोई अधिकारी-कर्मचारी मौजूद नजर नहीं आया। एक झाडू लगाने वाला व्यक्ति 11.10 में कार्यालय खोलकर झाडू लगा रहा था। उससे पूछा गया कि साहब कितने बजे आते हैं तो उसका कहना था कि साहब… जबलपुर विकास प्राधिकरण का दफ्तर है यहां कोई नियम नहीं चलता है।
बताया जा रहा है कि जबलपुर विकास प्राधिकरण कार्यालय में अधिकारी और अन्य स्टाफ अपने मुताबिक टाइम पर पहंुचता है। यहां आने-जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है। यशभारत की टीम जब कार्यालय पहंुची तो बाहर बैेठे एक कर्मचारी ने अपना मंुह छुपा लिया और कार्यालय के प्लोर में पहंुचे तो वहां कोई भी नजर नहीं आया।
जबलपुर विकास प्राधिकरण का ये काम
मध्य प्रदेश सरकार और जबलपुर विकास प्राधिकरण को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आवास और अन्य नागरिक सुविधा बुनियादी ढांचे के विकास का कार्य सौंपा गया है। जबलपुर विकास प्राधिकरण अपनी अद्भुत आवासीय परियोजनाओं के साथ शहर के दृष्टिकोण को बदलने में एक प्रमुख कारक रहा है। शहर के देहाती लुक को शहरी मेट्रो में बदलने के उद्देश्य से, मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने जबलपुर विकास प्राधिकरण की स्थापना की। आवासीय सोसायटियों के निर्माण और भूखंडों की नीलामी के साथ-साथ, जबलपुर विकास प्राधिकरण सामुदायिक केंद्र, शॉपिंग क्षेत्र और कार्यालय स्थान भी बनाता है।