दीपावली के स्वागत में सजीं लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की दुकानें ,
लखनऊ-कोलकाता से आई खास प्रतिमाएं का असर भी

दीपावली के स्वागत में सजीं लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की दुकानें ,
लखनऊ-कोलकाता से आई खास प्रतिमाएं का असर भी
जबलपुर, यश भारत। दीपावली पर्व नजदीक आते ही शहर की बाजारों में रौनक लौट आई है। घरों की सजावट और पूजन सामग्री की दुकानों के साथ ही अब लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की दुकानें भी सज चुकी हैं। इस बार बाजार में न केवल स्थानीय मूर्तिकारों की बनाई प्रतिमाएं उपलब्ध हैं, बल्कि लखनऊ, कोलकाता, चुनार और प्रयागराज से आईं सुंदर मूर्तियां भी खरीदारों को लुभा रही हैं। कीमतों में दो गुना तक बढ़ोतरी
पिछले वर्ष की तुलना में इस बार मूर्तियों के दामों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी जा रही है।
नेताकॉलोनी निवासी अरुण चक्रवर्ती, जो पिछले 30 वर्षों से मूर्ति व्यापार से जुड़े हैं, बताते हैं कि इस बार लखनऊ और चुनार से मंगवाई गई मूर्तियों के दाम करीब दो गुना तक बढ़े हैं।
गणेश उत्सव के दौरान भी वे इन्हीं शहरों से छोटी प्रतिमाएं मंगवाते हैं।

3 इंच से लेकर डेढ़-2 फीट तक की प्रतिमाएं उपलब्ध
शहर में इस समय 3 इंच से लेकर 2 फीट तक की मूर्तियां दुकानों पर सजी हैं।
मूर्तियों की कीमतें उनके आकार और डिजाइन की बारीकी के अनुसार तय की गई हैं।
त्योहारी खरीदारी शुरू हो चुकी है, लेकिन महंगाई का असर यहां भी साफ नजर आ रहा है। बढ़ी मिट्टी की प्रतिमाओं की मांग
शहर में मिट्टी की मूर्तियों की मांग बीते कुछ वर्षों में बढ़ी है, पर्यावरण जागरूकता के चलते लोग अब पीओपी (Plaster of Paris) की बजाय इको-फ्रेंडली प्रतिमाएं पसंद कर रहे हैं।
हालांकि बाजार में अब भी बड़ी संख्या में पीओपी की मूर्तियां बिक रही हैं।
स्थानीय मूर्तिकार भी पीछे नहीं
भानतलैया, कांचघर, गढ़ा, आधारताल, गोरखपुर, रांझी और सदर क्षेत्र के स्थानीय मूर्तिकारों ने भी दीपावली के लिए तैयारियां की हैं।
छोटी मूर्तियों का निर्माण जोरशोर से किया गया है, और इनकी दुकानें भी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लगी हैं।
इसके अलावा, कई स्थानीय कलाकार घर-घर जाकर लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाएं और दीपदान (दिया-डवालिया) बेच रहे हैं, जिससे पारंपरिक ग्रामीण हाट-बाजार की झलक भी देखने को मिल रही है।
दीपावली पर्व के पहले बाजार की हलचल तेज हो चुकी है। महंगाई ने भले ही जेब पर असर डाला हो, लेकिन आस्था और उल्लास में कोई कमी नहीं दिख रही।
स्थानीय और बाहरी कलाकारों की प्रतिमाएं मिलकर बाजार को सजाए हुए हैं और शहर दीपावली की तैयारी में रमा हुआ है।






