
गौरतलब है कि 10 मई को जम्मू के आर एस पुरा इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा पार से हुई गोलीबारी में BSF के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज और कांस्टेबल दीपक चिंगाखम शहीद हो गए थे। इन दोनों जवानों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान देश की रक्षा करते हुए अपना जीवन न्योछावर कर दिया था।

जम्मू सीमांत क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए इन जवानों के अमूल्य योगदान की सराहना की। उन्होंने पलौरा स्थित BSF मुख्यालय में ‘अमर प्रहरी स्मारक’ पर पुष्पांजलि अर्पित कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान, डीजी चौधरी ने जम्मू में BSF मुख्यालय में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा बैठक भी की, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूदा हालात और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया। उन्होंने जवानों से मुलाकात कर ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका की प्रशंसा की और पाकिस्तानी हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए उनका हौसला बढ़ाया।
इस अवसर पर डीजी चौधरी ने कहा कि सब-इंस्पेक्टर इम्तियाज और कांस्टेबल चिंगाखम ने देश की रक्षा के लिए अपना “सर्वोच्च बलिदान” दिया है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा, “सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज और कांस्टेबल दीपक चिंगाखम की वीरता को श्रद्धांजलि देने के लिए BSF ने फैसला किया है कि, जहां ये दोनों जवान शहीद हुए हैं, उन चौकियों का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा।” उन्होंने इसे BSF की गौरवशाली परंपरा बताते हुए कहा कि इसके तहत शहीदों की बहादुरी और उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाता है।
BSF ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, “दोनों बहादुरों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी सीमा चौकी पर दुश्मन की गोलीबारी और गोलाबारी का सामना करते हुए वीर गति को प्राप्त किया। राष्ट्र की सेवा में उनके सर्वोच्च बलिदान को नमन।”
BSF के इस कदम से शहीद जवानों के परिवारों और पूरे देश में सम्मान की भावना है। यह निर्णय न केवल शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है, बल्कि यह वर्तमान और भविष्य के जवानों को भी देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने की प्रेरणा देगा।