बे-पटरी यातायात और नई सड़कों पर उभर रहे गड्ढों से बढ़ रही सड़क दुर्घटनाएं

जबलपुर, यश भारत l जबलपुर में जहां एक और अवरुद्ध यातायात से दुर्घटनाएं दर्ज की जा रही हैं तो वहीं दूसरी ओर शहर में ऐसी घटिया सड़कें बनी हैं जिन पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। पिछले दिनों सड़क प्रबंधन जिला प्रशासन की बैठक में भी शहर में सड़क लाभ पर चर्चा की गई। जिसमें पाया गया कि
अन्य झीलों में मृत लोगों के आंकड़े अधिक हैं। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। हाल यह है कि वर्षों से बनी सड़कें एक साल भी टिक नहीं पाईं। सिडकुल में शामिल नजर आने लगे हैं। स्मार्ट सिटी द्वारा बनाया गया घंटाघर से तैयब अली स्मार्ट रोड भी इससे पहले नहीं है। तो वहीं दूसरी ओर बरेला से पटवारी की ओर जाने वाली करीब 11 किलोमीटर रोड पर भगवान की मान्यता है। जहाँ-जहाँ श्रद्धालुओं का चलना भी दुश्वार हो रहा है, तो वहीं शहर के ऊंचे घर के किनारे ही सड़क पर कई छोटे-छोटे सामान हो गए हैं। कांचघर से स्टेशन रोड का भी हाल है। कई जगह सड़क उधड़ गई है। जिस सामान को लेकर परेशानी हो रही है। सड़क के ख़राब हालात में कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं।
बताया गया है कि उक्त निगम में सड़क निर्माण की इन दुकानों की वसूली की सुध न तो उपभोग ले रहे हैं। स्मार्ट सिटी प्रशासन भी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि टेंडरों में यह स्पष्ट है कि वे मंदिर की सड़कें यदि समय से पहले हैं तो ठेका कंपनी या ठेकेदार की यह जिम्मेदारी है कि वह उद्यमों की पहुंच और पेचवर्क करें। अंतिम दौर में शहर की कुछ सड़कें छोड़ दी गईं तो लगभग सभी सड़कें डूब गईं। जिसमें हाल ही में बनवाए गए मंदिर की सड़कें भी शामिल हैं।
कांचघर से इंदिरा मार्केट तक की स्ट्रीट 2021 के अंत में बनाई गई थी। दो साल में ही रेलवे स्कूल के आगे सुगम्य परिसरों के पास सड़क के धुर्रे उड़ गए। बीमा अस्पताल के पास भी गिट्टी टूटने लगी है। मुड़ने के कारण तेज ऑटोमोबाइल वाहन चल रहे हैं।
तो वहीं दूसरी ओर घंटाघर से तैयब अली चौक तक स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट रोड बनाया गया है। इस सड़क को एक साल से कुछ महीने पहले ही बना दिया गया है। घण्टाघर के पास ही इस सड़क पर कई गड्ढे हो गये हैं। रोड में ही डिस्ट्रीब्यूटर लाइन, ग्राउंड फ्लोर, फ़्लोरिडा भी बनाए गए हैं। यूएसएसआर लाइन के चैम्बर सड़क के स्तर से ऊपर हैं।
ये हाल शहर की अन्य सड़कों पर भी है। गंगासागर तालाब से गढ़ा की तरफ जाने वाली सड़क में कूड़ा हो गए हैं। इसी तरह आमनपुर से गुलौआ चौक तक जाने वाली सड़क समेत अन्य सड़कों की हालत भी खराब है।
1 वर्ष से हाल बेहाल
बरेला पड़वार रोड करीब 1 साल से खंडहर है जबकि यह सड़क पुनर्निर्माण में है लेकिन ढहने पर मिट्टी डालने के अलावा झोपड़ी ने कुछ नहीं किया। जबकि ग्राम पंचायत पटवार पंचायत ग्राम परतला की ओर से अनेकों की सूची बनाई गई थी, लेकिन स्थिति जस की तस ही रही।