अनंतपुरा के रहवासियों ने दिए मालिकाना हक से जुड़े दस्तावेज

अनंतपुरा के रहवासियों ने दिए मालिकाना हक से जुड़े दस्तावेज
– परीक्षण के बाद प्रशासन करेगा अगली कार्रवाई, लोगों को राहत मिलने की संभावना
भोपाल यशभारत। कोकता अनंतपुरा में स्थित पशुपालन विभाग की जमीन पर हुए कब्जों को लेकर प्रशासन ने जांच तेज कर दी है। वहीं स्थानीय रहवासियों ने मालिकाना हक से जुड़े दस्तावेजों को जांच अधिकारियों के सामने पेश किया है। प्रशासन अब इन दसतावेजों का परीक्षण करने में जुटा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही प्रशासन स्थानीय लोगों को राहत दे सकता है।
पशुपालन विभाग की करीब 6 एकड़ से अधिक जमीन पर वर्षों से लोगों का कब्जा बना हुआ है। जिला प्रशासन इस जमीन पर रह रहे और उपयोग कर रहे लोगों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है। मामला वर्तमान में गोविंदपुरा तहसीलदार सौरभ वर्मा की कोर्ट में विचाराधीन है, जहां सीमांकन के बाद कब्जेदारों को बेदखल करने की सुनवाई शुरू हुई है। इस दौरान कब्जेदारों और रहवासियों ने अपने-अपने मालिकाना हक से जुड़े दस्तावेज भी अदालत में पेश किए हैं।
जानकारी के अनुसार, सुनवाई पूरी होने के बाद धारणाधिकार योजना के तहत जमीन का मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू होगी। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने संकेत दिए हैं कि इस योजना के तहत काबिज लोगों को राहत दी जाएगी, ताकि लंबे समय से बसे हुए परिवारों को अनिश्चितता से छुटकारा मिल सके। राजस्व विभाग के नियमों के अनुसार, धारणाधिकार योजना का लाभ उन्हीं व्यक्तियों को मिल सकता है जो 31 दिसंबर 2014 से पहले सरकारी जमीन पर काबिज हैं।
विवाद से बचने की तैयारी
प्रशासन का मानना है कि यदि इन कब्जेदारों को सीधे बेदखल किया गया तो विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में धारणाधिकार योजना का सहारा लेकर आम लोगों को नियमित किया जाएगा। इस प्रक्रिया से जहां प्रशासन को कानूनी दिक्कतों से राहत मिलेगी, वहीं काबिज लोगों को भी स्थायी समाधान मिल सकेगा।
जिला प्रशासन का यह कदम राजधानी के उन हजारों परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है, जो वर्षों से सरकारी जमीन पर रह रहे हैं और भविष्य की अनिश्चितता को लेकर चिंतित रहते हैं। गोविंदपुरा एसडीएम रवीश श्रीवास्तव का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। दस्तावेजों का परीक्षण के बाद प्रशासन स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।







