रेप कर शरीर में ठोकी कीलें, फिर जिंदा जलाया, मणिपुर में महिला का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर्स भी कांपे
इंफाल , एजेंसी। मणिपुर एक बार फिर बुरी तरह हिंसा का चपेट में है। उग्रवादियों का तांडव जारी है। यहां तीन बच्चों की मां एक महिला को जिंदा जला दिया। महिला की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से जो खुलासा हुआ है, वह हिला देने वाला है। मारने से पहले उसके सात बर्बरता की सारी हदें पार की गई थीं। पीडि़ता के शरीर को जीवित रहते हुए कीलों से गोदा गया था। थर्ड डिग्री यातना दी गई थी। उसके साथ गैंगरेप हुआ और उसके बाद महिला को जिंदा जला दिया गया।मणिपुर के जिरीबाम में 31 वर्षीय तीन बच्चों की मां के साथ रेप हुआ। उसके बाद हथियारबंद घुसपैठियों ने उसके गांव के घर में आग लगा दी। वह जिंदा जल गई। घटना की भयावहता और भी बढ़ गई जब उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई।
लगा राख का हो रहा पोस्टमॉर्टम
पड़ोसी असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज में महिला का पोस्टमॉर्टम किया गया। हालांकि उसका शरीर इतना जल गया था कि यह पता नहीं चल पाया कि उसका रेप किया गया था या नहीं। डॉक्टर्स ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि किसी राख का पोस्टमॉर्टम कर रहे हैं। हालांकि स्थानीय लोगों और उसके परिवार के लोगों का आरोप है कि उग्रवादियों ने उसका गैंगरेप किया।
17 घरों में हुई थी लूटपाट
महिला जैरावन गांव की रहने वाली थी। वह आदिवासी समुदाय की थी। जिरीबाम में दर्ज एफआईआर में उसके पति ने कहा कि हमारे घर में बेरहमी से हत्या करने से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया था। उस रात ज़ैरावन में 17 घरों में लूटपाट करने और आग लगाने वाले अपराधियों पर घाटी आधारित संगठन के सदस्य होने का संदेह है।
जांघ में मिली लोहे की कील
मणिपुर की महिला का शरीर 99त्न जल चुका था। यहां तक कि हड्डियां भी जलकर राख हो गई थीं। शव परीक्षण रिपोर्ट में दाहिनी जांघ के पिछले हिस्से में घाव और बाईं जांघ के बीच हिस्से में लोहे की कील धंसी मिली। डॉक्टर्स ने बताया कि शरीर 99त्न जला हुआ पाया गया, यहा तक कि हड्डियां भी जली हुई थीं। च्दाहिना ऊपरी अंग, दोनों निचले अंगों के हिस्से और चेहरा पूरी तरह गायब हो गया था।
शरीर राख होने से नहीं मिला सीमन
डॉक्टर्स ने बताया कि शरीर इतनी बुरी तरह से जल चुका था कि उसके प्राइवेट पार्ट से सीमन एकत्र करने की संभावना खत्म हो गई थी। कुकी-ज़ो संगठनों ने महिला की बर्बरतापूर्ण हत्या की निंदा की है। सुरक्षा एजेंसियों के हत्यारों की पहचान करने में असमर्थ होने पर गुस्सा भड़क गया है। फ़ेरज़ावल और जिरीबाम की स्वदेशी जनजाति वकालत समिति ने दो आदिवासी बहुल जिलों के कुकी-ज़ोमी-हमार लोगों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। चुराचांदपुर के आदिवासी समुदायों के एक समूह स्वदेशी आदिवासी नेताओं के मंच ने हमलावरों को गिरफ़्तार न किए जाने पर चेतावनी दी है।
रोंगटे खड़े कर रहे मणिपुर के हालत
महिला के कथित बलात्कार और उसकी हत्या का तरीका पिछले साल मई के बाद से मणिपुर में हिंसा के सबसे बुरे दौर की याद दिलाता है, जिसमें अभी भी जारी जातीय संघर्ष के शुरुआती हफ़्तों में महिलाओं को नंगा करके घुमाया जाना, सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटनाएं शामिल हैं। दोनों पक्षों की हिंसा के कारण पहाड़ी-घाटी के बीच खाई बन गई है। सैकड़ों विस्थापित परिवारों को जिरीबाम और राज्य के अन्य स्थानों पर राहत आश्रयों तक सीमित कर रखा है।
सिलचर में हुआ पोस्टमॉर्टम
मणिपुर पुलिस ने कहा कि वे आदिवासी महिला के जले हुए अवशेषों को पोस्टमार्टम के लिए इम्फाल के बजाय जिरिबाम से 50 किलोमीटर से भी कम दूरी पर सिलचर ले गए, क्योंकि कथित तौर पर च्चल रहे जातीय संकट के कारण शव को एनएच-37 के रास्ते सड़क मार्ग से ले जाना बहुत असुविधाजनक था।