जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

PSC रिजल्ट 2019 के सम्वन्ध मे सिंगल बैच के आदेश के विरुद्ध रिट अपील दाखिल

जबलपुर :- माध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 10/10/22 को प्रारंभिक परीक्षा 2019 के घोषित संशोधित परिणाम के विरुद्ध लगभग एक सैकड़ा से अधिक अभ्यर्थियों द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय मे चुनोती दीं गई थी उक्त याचिका क्रमांक wp 23828/22 मे सिंगल बैच द्वारा दिनांक 29/11/2022 को आदेश पारित किया गया था, की रीवाईज रिजल्ट मे जिन आरक्षित वर्ग के छात्रों द्वारा चयन हुआ है सिर्फ उनकी ही मुख्य परीक्षा ली जाए ! सिंगल बैच के उक्त 33 पृष्ठ के आदेश के विरुद्ध ओबीसी तथा सामान्य वर्ग के अभ्यर्थीयों की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा रिट अपील क्रमांक WA/1706/2022 दाखिल की गई है! अपील के मुख्य आधार यह है की हाईकोर्ट द्वारा परीक्षा नियम 2015 मे किए संशोधन दिनांक 17/02/2020 को हाईकोर्ट की डबल बैच ने याचिका क्रमांक 807/2021 मे दिनांक 7/4/22 को असंवैधानिक घोषित किया गया था, उक्त असंवैधानिक नियमो के तहत आयोग मे दिनांक 21/12/2020 को प्रारंभिक परीक्षा 2019 का रिजल्ट तथा 31/12/2021 को मुख्य परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया था,

लेकिन हाईकोर्ट की डबल बैच द्वारा दिनांक 7/4/22 के फैसले मे उक्त परीक्षा नियम अवैधानिक घोषित कर हाईकोर्ट ने पूर्व के असंशोधित नियम 2015 के तहत रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया गया था! इस फैसले के अनुपालना मे आयोग द्वारा पूर्व घोषित दोनों परीक्षा परिणामो को निरस्त कर दिनांक 10/10/22 को दो भागो मे 87% तथा 13% पर आयोग ने रिजल्ट जारी किया गया है जिसके विरुद्ध हाईकोर्ट मे 103 अभ्यर्थियों द्वारा चार याचिकाए दाखिल की गई थी, याचिका कर्ताओ का मुख्य आधार यह था की उनको पुनः मुख्य परीक्षा देना पड़ रही है जो की इंटरव्यू के लिए चयनित हो चुकेभाई तथा आयोग द्वारा की कार्यवाही अवैधानिक है! अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक शाह ने उक्त याचिकाओं मे इंटरवीनकर्ताओ की ओर से सिंगल बैच को बताया गया था की आयोग द्वारा की गईं कार्यवाही विधिक रूप से सही है,

क्युकि पूर्व मे जारी दोनों परीक्षा परिणाम असंवैधानिक नियमो के अनुसार जारी किए गए थे जिसे निरस्त किया जाना आयोग कार्यवाही विधिक रूप से सही है, तथा याचिकाकर्ताओ को उक्त अवैधानिक रिजल्ट के आधार पर उत्तरीण हुए है, जिन्हे अपना दाबा करने का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है! हाईकोर्ट की सिंगल बैच ने उक्त तर्कों को रिकार्ड पर लिए बिना ही आदेश पारित करके पूर्व मुख्य परीक्षा परिणाम् को सही मानते हुए आयोग को निर्देश दिया गया है की, 6 माह के अंदर रीवाइज रिजल्ट मे सफल हुए सिर्फ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की ही विशेष परीक्षा ली जाकर सभी का एक साथ इंटरव्यू कराया जाए, हाईकोर्ट के उक्त आदेश को अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने असंवैधानिक बताते हुए सिंगल बैच के आदेश के विरोध रिट अपील की है! उनका अपील मे मुख्य आधार है की एक भर्ती प्रक्रिया मे दो अगल अलग परीक्षाए नहीं जा सकती और यदि सिंगल बैच के आदेश, को आयोग द्वारा लागू किया जाता है तो आरक्षित तथा असफल घोषित किए गए अभ्यर्थियों के साथ भेद भाव होगा जो संविधान के अनुच्छेद 14, 16 तथा 142 का खुला उल्लघन होगा तथा राज्य सेवा भर्ती परीक्षा 2015 का! उक्त अपील की सुनवाई जनवरी 2023 मे होने की संभावना है!

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