PSC परीक्षा 2020 के विवादित प्रश्न के उत्तर के सम्वन्ध में दायर अपील खारिज

जबलपुर :- मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य चयन सेवा परीक्षा 2020 की प्रारंभिक परीक्षा दिनाँक 25/7/21 का घोषित परिणाम दिनाँक 15/01/2022 में दो अंको से फेल सैकड़ो छात्रो द्वारा विभिन्न अधिवक्ताओ के माध्यम से हाइकोर्ट में याचिकाए दाखिल करके मांग की गई थी की उन्होंने प्रश्न क्रमांक 70 का सही उत्तर ऑप्शन बी टिक किया है जबकि आयोग ने ऑप्शन अ मान्य किया है जिसके कारण संवंधित याचिका कर्ता दो अंक काम होने के कारण मुख्य परीक्षा से बंचित हो गए है । तथा विज्ञापन की शर्त क्रमांक 3 के अनुसार जिन प्रश्नों के उत्तर एक से ज्यादा सही है उन सभी को मान्य किया जाएगा तथा अंक प्रदान किए जाएंगे तथा psc ने चार प्रश्नों के दो-दो उत्तर मान्य भी किए है उसी प्रकार विवादित प्रश्न का ऑप्शन अ तथा ब दोनों मान्य किए जाए तथा याचिका कर्ताओ को मुख्य परीक्षा में शामिल होने का अवसर प्रदान किया जाए । हाइकोर्ट की सिंगल वैंच द्वारा दिनाँक 17 फरवरी को याचिका क्रमांक 3693/2022 में अंतरिम आदेश पारित करके याचिका कर्ताओ को राहत देते हुए मुख्य परीक्षा में शामिल होने का आदेश दिया गया था तथा एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट आयोग द्वारा कोर्ट में दाखिल करके गजेटियर को आधार मानकर ऑप्शन अ सही बताया गया था । दायर समस्त याचिकाओ की एक साथ सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल ने एक्सपर्ट कमेटी को कोर्ट पर बंधनकारी बताते हुए दिनाँक 3/3/22 को खारिज कर दी गई थी तत्पश्यात उक्त आदेश के विरूद्ध आधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने डिवीजन वैंच में रिट अपील दाखिल की थी जिसकी सुनवाई आज 23 मार्च को मुख्य न्यायाधीश एवं श्री पुरुषेन्द्र कौरव द्वारा की गई । डिवीजन बैंच ने आदेश पारित करते हुए एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को कोर्ट पर वंधनकारी बताया तथा रिट अपील खारिज कर दी गई । इसके बाद याचिका कर्ताओ की ओर से सुप्रीमकोर्ट में एसएलपी दायर की जा रही है जिसमे प्रमुख आधार यहीं होगा कि यदि एक्सपर्ट कमेटी का अभिमत पाठ्य सामग्री से असंगत है तो क्या कोर्ट पर वंधनकारी होगा या कोर्ट तथ्यों के आधार पर प्रकरण को एक्सपर्ट कमेटी से भिन्न आदेश करने स्वत्रन्त्र है । उक्त प्रकरणो में पैरवी आधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवम सत्येंद्र जैन ने की ।