
JABALPUR. ग्वालियर में एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति को हार्टअटैक आया देखकर न्यायाधीश की गाड़ी छीनकर पीड़ित को अस्पताल ले जाने वाले एबीवीपी पदाधिकारियों पर पुलिस ने डकैती का मामला दर्ज किया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री मोहन यादव और बीजेपी प्रदेशअध्यक्ष द्वारा चिट्ठी लिखे जाने के बाद भी उक्त युवा नेताओं पर से मामला खारिज नहीं किया गया है। जिसके खिलाफ जबलपुर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने घंटाघर में मौन विरोध कर इस कार्रवाई के खिलाफ विरोध जताया।
मदद करने वालों से डकैतों सा सलूक-एबीवीपी
इस मौन विरोध प्रदर्शन के दौरान एबीवीपी के प्रांत मंत्री माखन शर्मा ने कहा कि दिल्ली के राष्ट्रीय अधिवेशन से लौटते वक्त हमारे कार्यकर्ताओं ने अनकॉन्शस हो चुके शिक्षाविद को बचाने का प्रयास किया। विषम परिस्थिति में उन्हें जो सही लगा उन्होंने किया। इसे परिस्थितिजन्य दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने सेवा और मदद का भाव लेकर किए गए कार्य के लिए युवाओं पर चंबल के डकैतों पर लगाया जाने वाला मामला लाद दिया।
ऐसा रहा तो कोई मदद करने से पहले दस बार सोचेगा
एबीवीपी महानगर पदाधिकारी जान्हवी ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता सेवा और मदद का भाव लिए हुए थे। युवा होने के चलते उन्होंने सामने जो वाहन मिला उसे लेकर पीड़ित को अस्पताल पहुंचाया। लेकिन इस पर इतनी कड़ी कार्रवाई किया जाना पूर्णतः अनुचित है। ऐसा ही रहा तो फिर कोई भी शख्स किसी की मदद करने से पहले दस बार सोचने लगेगा।