जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

आदिवासियों की करोड़ों की संपत्तियां कम दामों में बेच दी, ईओडब्ल्यू ने दर्ज की एफआईआर

जबलपुर यशभारत। आदिवासियों की करोड़ों रूपये की कई एकड़ भूमि को बिना शासकी की अनुमति के फर्जीवाड़ा कर कम दामों में बेच दिया गया है।  जांच के बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, इकाई जबलपुर (ईओडब्ल्यू) ने विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है।
सूत्रों के मुताबिक राम जनम यादव पिता लोचन यादव निवासी कटंगा ने ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई कि श्रीमति विमला बाई लुनिया के द्वारा फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर जाति बदलकर मुण्डा जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर नियम विरूद्ध तरीके से अधिवासियों की संपत्ति क्रय की गई है। शिकायत की जांच में पाया गया कि श्रीमति विमला बाई लुनिया मुंडा पति विजय बहादुर लुनिया, ग्राम खिरवा (हरदुआ), पोस्ट इन्ट्राना, तहसील मझौली, जिला जबलपुर ने आदिवासियों की करोड़ों रूपये की भूमि को विधि विरूद्ध तरीके से बिना शासन की अनुमति के फर्जी एव कूटरचित मुण्डा जन जाति का जाति प्रमाण पत्र बनवाकर उपरोक्त अचल संपत्ति को कम दामों पर क्रय किया गया है।
फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर की हेराफेरी
सूत्र बताते है कि  जांच में पाया गया कि आदिवासियों की भूमि-संपत्ति को क्रय करने नियम विरूद्ध तरीके से फर्जी एवं कूटरचित जाति प्रमाण पत्र बनाकर करोड़ की भूमि क्रय किया गया एवं शासन के द्वारा दी जाने वाली अन्य सुविधाओं का उपयोग करके शासन की राशि का दुरूपयोग किए जाने का भी आरोप है।
इन धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज
ईओडब्ल्यू की जांच में पाया गया कि नरेश प्रसाद लुनिया एवं उसकी मां श्रीमति विमलाबाई के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसील  के द्वारा दमोह में अनुसूचित जनजातित का स्थाई जाति प्रमाण पत्र को जनजाति के सदस्य के रूम मेेंं फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया गया।  श्रीमति विमला बाई लुनिया मुंडा पति विजय बहादुर लुनिया, ग्राम घिरवा पोस्ट इन्ट्राना तहसील मझौली जिला जबलपुर में विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।

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