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प्राचार्यों को मिली राहत, किताब बेचने वाले अभी भी सरकारी मेहमान: जबलपुर में 50 दिन से जेल में बंद निजी स्कूलों के प्रिंसिपल्स को मिली एमपी हाई कोर्ट से जमानत

जबलपुर।निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से मनमानी और फीस वसूली के मामले में पिछले 50 दिन से जेल में बंद निजी स्कूलों के प्रिंसिपल और कर्मचारियों की जमानत याचिका को लेकर मध्य प्रदेश कोर्ट के जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी की कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा “प्रिंसिपल कभी न कभी रिटायर होंगे और इनका मकसद किसी को फायदा पहुंचाना नहीं है. इसलिए इनको जेल में नहीं रखा जाना चाहिए.” इसके साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा “यह जुर्म अगर बनता है भी तो सिर्फ सोसाइटी के मुख्य प्रबंधक पर बन सकता है. इस प्रकार कोर्ट ने 4 प्राचा्यों जमानत दे दी.जिसमे कि प्राचार्यों में मनमीत कोहली ,दिपाली तिवारी, परिधी भार्गव, उमेश कुमार जेम्स के नाम प्रमुख है
11 निजी स्कूलों के खिलाफ हुई थी एफआईआर
दरअसल, निजी स्कूलों द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से फीस बढ़ाने और पुस्तक विक्रेताओं के साथ साठगांठ कर अभिभावकों को तय दुकान से किताब कॉपियां खरीदने के लिए बाध्य किया गया. जिला प्रशासन की जांच में भी ये सारे तथ्य उजागर हुए थे. जिसके बाद निजी स्कूलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर 11 स्कूलों के संचालक, प्रिंसिपल एवं अन्य स्टाफ को गिरफ्तार करते हुए कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था.

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