प्रज्ञा ठाकुर की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का विराम
ट्रायल कोर्ट के फैसले का इंतजार, याचिका खारिज

कोर्ट का फैसला:
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि एनआईए कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट को इस याचिका पर आगे सुनवाई नहीं करनी चाहिए। कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए कहा कि जब ट्रायल कोर्ट का फैसला जल्द आने वाला है, तो इस याचिका पर आगे विचार करने की आवश्यकता नहीं है।
ट्रायल कोर्ट का संभावित फैसला:
प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने कोर्ट को बताया कि 8 मई को फैसला सुनाया जा सकता है और सभी आरोपियों को कोर्ट में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए कोर्ट ने 19 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस विस्फोट में 7 लोगों की मौत हुई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। मामले में लगभग 108 गवाहों से पूछताछ की गई थी।
प्रज्ञा ठाकुर का मामला:

प्रज्ञा सिंह ठाकुर 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी हैं। 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम विस्फोट में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। अप्रैल 2017 में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर सहित सभी सात आरोपियों को जमानत दे दी थी। उस समय, कोर्ट ने कहा था कि प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है और उन्हें स्वास्थ्य कारणों से जमानत दी गई थी।
अन्य संबंधित समाचार:
सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की न्यायिक जांच का आदेश देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि यह संवेदनशील समय है और ऐसी याचिकाएं सुरक्षा बलों का मनोबल गिरा सकती हैं।