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ग्वालियरजबलपुरमध्य प्रदेश

जबलपुर और ग्वालियर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली होगी लागू, सूचना जारी

जबलपुर, यशभारत। मध्यप्रदेश में अब इंदौर और भोपाल के बाद जबलपुर और ग्वालियर में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हो जाएगी। इस बाबत गृहविभाग की ओर से दोनों जिलों के एसपी को सूचना जारी कर दी गई है। बता दें कि सरकार ने पीएम मोदी की गारंटी योजना में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को जोड़ा है।
सीएम ने पहले ही कर दिया था ऐलान
बता दें कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहले ही जबलपुर और ग्वालियर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की बात कही थी। अब इसे अमली जामा भी पहना दिया गया है। जिलों के एसपी तक गृहविभाग की सूचना पहुंच जाने के बाद अब जल्द ही इसका क्रियान्वयन भी शुरु हो जाएगा।

इंदौर-भोपाल में 2021 में हुआ लागू
इंदौर और भोपाल में 21 नवंबर 2021 को पुलिस कमिश्नर प्रणाली सिस्टम लागू किया गया था। पुलिस आयुक्त प्रणाली में इंदौर नगरीय पुलिस जिले में 36 थानों और भोपाल नगरीय पुलिस जिले में 37 थानों की सीमाओं को समाविष्ट किया गया था। दोनों शहरों में पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी पुलिस आयुक्त हैं। दोनों महानगरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली के लिए अधिकारियों के पद और जोन का भी निर्णय किया है।

पुलिस कमिश्नर प्रणाली
बड़े शहरों में अक्सर आपराधिक गतिविधियों की दर भी ज्यादा होती है। आपातकालीन परिस्थितियों में लोग इसलिए उग्र हो जाते हैं, क्योंकि पुलिस के पास तत्काल निर्णय लेने के अधिकार नहीं होते। कमिश्नर प्रणाली में पुलिस प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के लिए खुद ही मजिस्ट्रेट की भूमिका निभाती है। प्रतिबंधात्मक कार्रवाई का अधिकार पुलिस को मिलेगा तो आपराधिक पृवत्ति के लोगों पर जल्दी कार्रवाई हो सकेगी।

फैसले लेने के लिए पुलिस स्वतंत्र
कमिश्नर सिस्टम से पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के पास सीआरपीसी के तहत कई अधिकार आ जाते हैं। पुलिस अधिकारी कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होते हैं। साथ ही साथ कमिश्नर सिस्टम लागू होने से पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही भी बढ़ जाती है। दिन के अंत में पुलिस कमिश्नर, एसपी, पुलिस महानिदेशक को अपने कार्यालय की रिपोर्ट अपर मु य सचिव (गृह मंत्रालय) को देनी होती है। इसके बाद यह रिपोर्ट मु य सचिव को जाती है।

 

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