जबलपुर की हवा में भी घुल रहा धीमा जहर
जबलपुर, यश भारत। सर्द सीजन, वाहन से निकलने वाले प्रदूषण के साथ ही दीपावली के पहले की जाने वाली साफ-सफाई से शहर की हवा एक बार फिर खराब होने लगी है। शहर की वायु गुणवत्ता सूचकांक 215 के स्तर पर पहुंच गया है, जो 128 तक ही आ रहा है। जिसे पुअर यानी खराब माना जाता है। हवा में धूल के बारीक कण यानी पीएम-10 (पार्टिकुलेट मैटर) की मात्रा 180 तक पहुंच गई है जबकि सामान्य स्थिति में इसे 100 के भीतर होना होना चाहिए। इसके अलावा पीएम-2.5 की मात्रा अधिकतम 60 होनी चाहिए जो 94 तक पहुंच गई है। यानी शहर की हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है।
शहर की हवा में घुल रहा धीमा जहर स्वास्थ्य के लिहाज से खतरा बना हुआ है। यह धीमा जहर सांस नली से फेफड़ों तक जाएगा जिससे सांस, फेफड़ों की बीमारी सहित सिर दर्द, चक्कर आना हो सकता है द्य इसके साथ ही साथ दमा एलर्जी अस्थमा के मरीजों को भी तकलीफ बढ़ सकती है। क्षेत्रीय मौसम कार्यालय के मुताबिक एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में सक्रिय हो रहा है। सात नवंबर से इसका असर देखा जा सकेगा। इसके प्रभाव से पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में वर्षा की संभावना है। पहाड़ों में बर्फबारी से उत्तरी बर्फीली हवा से जबलपुर सहित प्रदेश में ठंड का असर बढ़ सकता है।
इन्होंने कहा….
वायु की गुणवत्ता में गिरावट के कारण दमा अस्थमा एलर्जी में बढ़ोतरी देखी जाती है साथ ही इन मरीजों को सचेत रहने की आवश्यकता है।
डॉ कविता सचदेवा, एचओडी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज ,जबलपुर