जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

मटर की फसल पर मौसम की मार, उत्पादन घटा

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जबलपुर यशभारत।इस वर्ष मौसम की बेरुखी के कारण किसानों का हरा मटर घाटे का सौदा साबित हो सकता है। वजह है मौसम की मार। गर्म मौसम के कारण बीच इसका असर पौधों पर पडऩे लगा है। पौधे अभी काफी छोटे हैं, ऐसे में उत्पादन पर असर पडऩा लाजिमी है।
मटर की खेती करने वाले किसानों से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि मौसम में गर्मी होने के कारण मटर का उत्पादन काफी घट गया है जिससे मटर की फसल संतोषजनक नहीं है। मटर की खेती करने वाले कृषक मोहला निवासी अर्जुन सिंह एवं देशराज ने बताया कि यदि मौसम साथ देता तो इस वर्ष मटर का अच्छा उत्पादन होता वर्तमान में हालत यह है कि जहां इसके रेट कम हुए वहीं समय पर मजदूर ना मिलने के कारण इस फसल में काफी घाटा हुआ है।
प्रति एकड़ 20000 की लागत,,
मटर की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि प्रति एकड़ में 20 हजार रुपए की लागत लगती है जिसमें खाद बीज यूरिया स्प्रे एवं बोओनी बखनी आदि शामिल रहती है। इसके अलावा मटर की तुड़ाई मजदूरों को अलग से देना पड़ती है।
बाहर से आते हैं मजदूर,,
किसानों ने बताया कि मटर की तुड़ाई करवाने के लिए मजदूरों को दमोह जिले या दूर दराज से लाना पड़ता है जिनका भाड़ा भी किसानों को देना पड़ रहा है उन्होंने बताया कि 5 रुपए प्रति किलो की तुड़ाई मजदूरों द्वारा की जाती है बावजूद इसके भी समय पर मजदूर न मिलने के कारण मटर नहीं टूट पाती है जिससे किसानों को काफी घाटा होता है।
50 दिन की होती है फसल,,,
किसानों के अनुसार मटर की फसल 45 से 50 दिन की होती है जिसमें किसान दिन रात मेहनत कर उससे अधिक पैदावार होने की उम्मीद रखता है किंतु मौसम साथ न देने के कारण मटर के उत्पादन में काफी गिरावट आई है।
एक बार हुई है तुड़ाई,,
मटर की फसल के लिए यदि मौसम साथ देता है तो इसकी तुड़ाई 2 से 3 बार तक होती है लेकिन इस वर्ष मौसम की गड़बड़ी के कारण कुछ किसानों ने एक ही बार मटर की चौड़ाई करने के बाद उनके द्वारा अगली फसल के लिए तैयारी की।

जा रही है।

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