जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य
अब गुरु का ही चेले को साथ नहीं….

जबलपुर, यशभारत। शहर में चुनावी प्रतिस्पर्धा चरम पर है ।एक संगठन में आखिरी समय पर टिकट घोषणा के उपरांत कार्यालय में जूतम पैजार की स्थिति मच गई थी। परंतु धीरे धीरे संगठन में ऊपरी तौर पर विरोधाभास की स्थिति को समाप्त होती दिखी परंतु अंदरुनी तौर पर कुछ संगठन के नेताओं के मन में असंतोष खत्म नहीं हुआ है इसी कड़ी में शहर की प्रमुख विधानसभा क्षेत्र में जब नेताजी जनसंपर्क करने निकले तो उनके संगठन? का यूथ विंग भी उनके साथ देता दिखाई नहीं दे रहा है।पूरा यूथ विंग एक ही विधानसभा में फोकस करता दिख रहा है।इसी संगठन के प्रदेश – प्रमुख कल? नेता जी के चुनावी जनसंपर्क में शहर पहुंच रहे थे परन्तु अचानक प्रदेश प्रमुख का नगर प्रवास आना निरस्त हो गया जिसके उपरांत शहर के राजनैतिक गलियारों में विभिन्न प्रकार की चर्चाओं का माहौल बना हुआ है।इसी विधानसभा के राजनैतिक पंडित कह रहे हैं कि प्रदेश प्रमुख को इस बात का यह अंदेशा है कि कहीं ना कहीं इस विधानसभा के प्रत्याशी का प्रचार करना प्रत्याशी के लिए निगेटिव हो सकता है इसलिए इस विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी के साथ जनसंपर्क करने में दूरियां बरत रहे हैं वहीं दूसरी ओर कुछ संगठन के नेताओं का कहना था कि प्रदेश प्रमुख तो जनसंपर्क करवाने की तैयारी कर चुके थे परन्तु अपने कार्यकर्ताओं से जब प्रत्याशी की रैली में भीड़ की जानकारी ली तो वे भीड़ कम होने की बात सुनकर निराश हो गए और केन्द्रीय संगठन की मीटिंग का हवाला देकर दौरा निरस्त कर दिया जब भीड़ कम होने की बात का कारण प्रदेश प्रमुख ने प्रत्याशी से पूछा तो उन्होंने भीड़ कम होने का ठीकरा पूरा यूथ विंग पर फोड़ दिया।अब प्रत्याशी भी क्या करें जब पूरा यूथ विंग एक ही विधानसभा में फोकस कर रहा है । जिसने भी यह राजनीतिक घटनाक्रम सुना वो यही कहता नजर आया “गुरु के बिना आशीर्वाद से कैसे चेले की नैया पार लगेगी