मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को अपने-अपने बागियों से खेल बिगड़ने का डर है। टिकट नहीं मिलने पर दर्जा प्राप्त मंत्री से लेकर, पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक तक पार्टी से बगावत कर निर्दलीय या फिर किसी दूसरे दल से नामांकन कर चुके हैं।
बुधवार और गुरुवार दो दिन नाम वापसी का समय है। यानी कांग्रेस और भाजपा के पास सिर्फ दो दिन का समय है। ऐसे में दोनों ही पार्टियों की कोशिश है कि बचे हुए दो दिनों में नाराज नेताओं को मनाकर फिर से अपने पाले में लाने की कोशिश की जाए। कौन मान गया, कौन डटा है? हम आपको पल-पल का अपडेट दे रहे हैं…
भाजपा के प्रमुख बागियों में कौन माना-कौन अड़ा…
विधानसभा | किसे टिकट | बागी प्रत्याशी | स्थिति |
बुरहानपुर | अर्चना चिटनीस (पूर्व मंत्री) | हर्षवर्धन चौहान (पूर्व सांसद स्व. नंदकुमार चौहान के बेटे) | डटे हैं |
निवाड़ी | अनिल जैन (विधायक) | नंदराम कुशवाहा (मप्र कुक्कुट विकास निगम के उपाध्यक्ष- दर्जा प्राप्त मंत्री) | डटे हैं |
टीकमगढ़ | राकेश गिरी (विधायक) | केके श्रीवास्तव (पूर्व विधायक) | डटे हैं |
जबलपुर उत्तर-मध्य | अभिलाष पांडेय (छात्र नेता रहे) | कमलेश अग्रवाल (निगम के नेता प्रतिपक्ष) | डटे हैं |
आलोट (रतलाम) | चिंतामणि मालवीय (प्रदेश उपाध्यक्ष) | रमेश मालवीय (पूर्व मंडल अध्यक्ष) | डटे हैं |
बड़वारा (कटनी) | धीरेंद्र सिंह (पूर्व जिला पंचायत सदस्य) | मोती कश्यप (पूर्व मंत्री) – सपा प्रत्याशी | डटे हैं |
मुरैना | रघुराज कंषाना (पूर्व विधायक) | राकेश सिंह (पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के बेटे) – बसपा प्रत्याशी | डटे हैं |
मनगवां (रीवा) | नरेंद्र प्रजापति (संघ के करीबी) | पन्नाबाई (पूर्व विधायक) – पूर्व प्रत्याशी पंचूलाल की पत्नी | डटी हैं |
इन्होंने भी बढ़ाई BJP की टेंशन…
- निवाड़ी सीट पर BJP के पूर्व जिलाध्यक्ष कमलेश्वर देवलिया भी निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं। देवलिया बीजेपी के पुराने नेता हैं।
- मुरैना में पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह भी भाजपा छोड़कर बसपा में शामिल हो चुके हैं। बेटे राकेश बसपा से प्रत्याशी हैं।
रुस्तम सिंह भाजपा में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रहे। 10 दिन पहले उन्होंने बसपा जॉइन कर ली।
कांग्रेस के प्रमुख बागियों में कौन माना-कौन अड़ा…
विधानसभा | किसे टिकट | बागी प्रत्याशी | स्थिति |
भोपाल उत्तर | आतिफ (विधायक आरिफ अकील के बेटे) | आमिर अकील (आरिफ के भाई) | डटे हैं |
हुजूर (भोपाल) | नरेश ज्ञानचंदानी (2018 में भी प्रत्याशी थे) | जितेंद्र डागा (पूर्व विधायक) | डटे हैं |
गोटेगांव (नरसिंहपुर) | एनपी प्रजापति (विधायक) | शेखर चौधरी (पूर्व विधायक) | डटे हैं |
बरगी (जबलपुर) | संजय यादव (विधायक) | जयकांत सिंह (पूर्व विधायक सोबरन सिंह के बेटे) | डटे हैं |
बड़नगर (उज्जैन) | मुरली मोरवाल (विधायक) | राजेंद्र सिंह सोलंकी (जिला पंचायत सदस्य) | डटे हैं |
सिहोरा (जबलपुर) | एकता ठाकुर (जिला पंचायत सदस्य) | कौशल्या गोटिया (पूर्व मंत्री) | डटी हैं |
आलोट (रतलाम) | मनोज चावला (विधायक) | प्रेमचंद गुड्डू (पूर्व सांसद) | डटे हैं |
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