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मेडिकल यूनिवर्सिटी का नया कारनामा- गीली हो गईं हजारों उत्तर पुस्तिकाएं -दुर्घटना या षड्यंत्र !

जबलपुर।  मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान चिकित्सा विश्वविद्यालय में अधिकारियों का कारनामा एक बार फिर चर्चा में है। मूल्यांकन कार्य के लिए पानी में भीगी उत्तर पुस्तिकाओं को विश्वविद्यालय भेज दिया। उत्तर पुस्तिकाएं नर्सिंग परीक्षा की हैं। छात्र नेताओं का आरोप है कि कालेजों को फायदा पहुंचाने के लिए षड्यंत्र के तहत उत्तर पुस्तिकाओं को गीला किया गया है। वहीं, अधिकारियों का कहना है कुछ परीक्षा कापियां गीली मिली थीं, जिन्हें सुखाकर स्कैन कर लिया गया है।  वर्तमान परीक्षा नियंत्रक  ये तो स्वीकार कर रहे हैं कि उत्तर पुस्तिकाएं गीली हो गई हैं लेकिन उन्होंने इसका ठीकरा परीक्षा केंद्र पर फोड़ते हुए कहा है कि उत्तर पुस्तिकाएं गीली ही केंद्र से भेजी गई थीं। हालांकि कितनी उत्तर पुस्तिकाएं गीली हैं और यदि केंद्र से गीली उत्तर पुस्तिकाओं को भेजा गया तो उन्हें स्वीकार क्यों किया गया इस बात का उनके ही नहीं पूरे एमयू प्रबंधन और यहाँ तक की कुलपति डॉ. अशोक खंडेलवाल के पास भी कोई जवाब नहीं है। इस बात का भी कोई जवाब नहीं दे पा रहा है कि गीली उत्तर पुस्तिकाओं में फैली हुई स्याही की वजह से अस्पष्ट उत्तरों पर परीक्षार्थी को किस आधार पर अंक दिए जाएंगे।

– दुर्घटना या षड्यंत्र!
एमयू के इतिहास में पहली बार उत्तर पुस्तिकाएं गीली नहीं हुई हैं। इससे पूर्व भी जहाँ तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक और बाद में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यु) के जांच के दायरे में आईं डॉ. तृप्ती गुप्ता के कार्यकाल में भी जहाँ एक बार कथित तौर पर उत्तर पुस्तिकाओं के रखने के कक्ष में पानी भरने की खबर आई थी वहीं तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डॉ. वृंदा सक्सेना के कार्यकाल में उत्तर पुस्तिकाओं के प्रांगण में जलने और लेडीज टॉयलेट के पानी में गलने की बात भी सामने आई थी। इन घटनाओं के दौरान भी एमयू प्रबंधन सवालों के घेरे में रहा डॉ. सक्सेना के कार्यकाल में हुई दोनों घटनाओं में एफआईआर भी हुई लेकिन बाद में रहस्यमय तरीके से एफआईआर वापस ले ली गई। एमयू सूत्रों की मानें तो उत्तर पुस्तिकाओं के साथ हो रही घटनाएं महज दुर्घटनाएं ही हैं या कोई पास-फेल का षड्यंत्र, यह जांच का विषय है।

-सुरक्षा की छात्र संगठनों ने की थी मांग
एमयू द्वारा प्रदेश के समस्त संकाय की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए बने केंद्र मे सीसीटीवी, फायर सेफ्टी न होने के चलते छात्र संगठनों ने बार-बार उत्तरपुस्तिकाओं के साथ हो रही कथित छेड़छाड़ की घटना का हवाला देते हुए सुरक्षा के लिए फायर सेफ्टी और सीसीटीवी की मांग भी की थी।

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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