नेशनल हाइवे 30 बदहाल, सड़क में गड्ढे राहगीरों का चलना हुआ मुश्किल
कंपनी का अनुबंध निबंध
जबलपुर, यशभारत। जबलपुर से बरेला तक बनाया गया नेशनल यूनिवर्सल -30,बने के बाद से ही राष्ट्रवादी में है। बनने के बाद ही सड़क पर दरारे आ गिरी वाली जगह, इसके बाद उन्हें 6 महीने तक की सज़ा दी गई, लेकिन इसके बाद सड़क में दरारें पड़ गईं। जिसमें वर्षों से भरा जा रहा है, लेकिन कंक्रीट के बने रहने से आज तक सड़क में सुधार नहीं हो सका, दृष्टि कंपनी का ठेका तक गायब हो गया। बाद में ऐसा लगता है कि दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है। ……
नेशनल हाईवे 30 में बिना रुके यात्रा करने का इंतजार राहगीर कर रहे थे, लेकिन इस करोड़ों की सड़क पर स्मारक की भूमिका के साथ विस्कोसन मार्ग के कारण भी दुर्घटना का दिन हो रहा है। जगह-जगह मार्ग में गड्डे, क्रेक के कारण वाहनों में अनियमितता हो जाती है। जहाँ हादसे का अंदेशा बना हुआ है। एनएच 30 मार्ग निमाजन में इसकी गुणवत्ता को लेकर समझौता किया गया है।
करीब छह वर्षों से सड़क निर्माण का कार्य जारी है जो अंतिम चरण में है। गुणवत्ताविहीन कार्य को छुपाने के लिए कंपनी द्वारा अनेक बार थिगड़े लगाए गए। जो हफ्ते, दो हफ्ते में दोबारा उखड़ रहे है। बायपास -बरेला के हाल देखकर कोई भी बता सकता है कि सड़क कितनी गुणवत्ता से बनाई गई है। कदम कदम पर सड़क निर्माण में लापरवाही साफ देखी जा सकती है।
फैक्ट फाइल –
– जबलपुर मंडला एनएच 30
– 63.55 किमी के मार्ग निर्माण का ठेका जीडीसीएल कंपनी को दिया गया
– सड़क का निर्माण 251.64 लाख करोड़ रूपये से किया जाना था
– निर्माण कार्य 09 जून 2017 को पूरा करना था।
– दिसंबर 2020 तक सड़क निर्माण कार्य पूरा करने के लिए समय दिया गया
– 24 जनवरी 2023 को अनुबंध रिरस्त किया गया है।
फिर होगा अनुबंध
एमपीआर डीसी अधिकारी आरएस चंदेल ने बताया कि गुणवत्तापूर्ण कार्य हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है। कंपनी द्वारा कार्य पूर्ण नहीं करने पर 24 जनवरी 2023 को अनुबंध रिरस्त किया गया है। जिसका फिर अनुबंध होना है।