MP की महिला कुली , जिसकी शादी में सांसद से लेकर विधायक तक हुए शामिल
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की दुर्गा उन महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो मामूली कठिनाई आने पर जिंदगी में घबराकर हार मान लेती हैं. दुर्गा ने परिस्थितियों से डटकर मुकाबला किया और अपनी जिंदगी की अलग राह चुनी. दुर्गा ने माता-पिता के लिए बेटी होकर बेटे की भी भूमिका निभाई. स्टेशन पर यात्रियों का सामान उठाकर दुर्गा ने अपने परिवार को न सिर्फ खाना नसीब कराया, बल्कि जिंदगी को अलग दिशा भी दी. वे नारी शक्ति का मजबूत उदाहरण हैं.
हममें से ज्यादातर लोगों ने पुरुषों को ही कुली के रूप में काम करते देखा होगा, लेकिन मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक महिला भी ये काम कर रही है. अगर आप दुर्गा को रेलवे स्टेशन पर भारी भरकम सामान उठाते देखें तो हैरान होने की जरूरत नहीं.
दुर्गा ने कुली बनकर धारणाओं को तोड़ने का काम किया है. वे हर रोज सैकड़ों मुसाफिरों की उनकी यात्रा को कामयाब बनाने में मदद करती हैं. पारिवारिक परेशानियों के कारण रोजीरोटी की मुश्किल खड़ी हुई. दुर्गा ने मुकद्दर के आगे घुटने नहीं टेके, बल्कि कुली की नौकरी शुरू की. इस नौकरी से आज वह अपनों की देखरेख कर पा रही हैं. परिवार की दाल रोटी के लिए हर रोज जीतोड़ मेहनत करती हैं.
दुर्गा का कहना है कि पापा की स्थिति खराब थी. वे चल भी नहीं सकते थे. मेरा भाई नहीं था. इस वजह से मैंने सोचा कि बेटा बनकर काम करूं. इसके बाद मैंने काम करना शुरू कर दिया. साल 2011 में कुली बनी थी. उसके बाद से रेलवे स्टेशन पर कुली की तरह सामान ढोने का काम करने लगी.
शादी के बारे में दुर्गा ने कहा कि इस बारे में कभी सोचा नहीं था. दीदी ने विवाह करवा दिया. बड़ी बहन की बेटी की जिम्मेदारी मेरे ऊपर थी, जो आगे भी पूरी करूंगी.
आरपीएफ की महिला आरक्षक ने की थी दुर्गा से शादी की बात
बैतूल की इकलौती महिला कुली दुर्गा के जज्बे को देखकर रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्री उनकी प्रशंसा करते हैं. स्टेशन पर आरपीएफ की महिला आरक्षक फराह खान से दुर्गा की दोस्ती हो गई थी. फराह ने दुर्गा से शादी को लेकर बात की, लेकिन परिवार की जिम्मेदारी को देखते हुए दुर्गा ने मना कर दिया था. इसके बाद भी फराह ने शादी के लिए प्रेरित किया और उसके लिए रिश्ता ढूंढ़ा.
आरपीएफ में पदस्थ एएसआई दीपक देशमुख ने आठनेर की जामठी गांव में रहने वाले अपने किसान दोस्त सुरेश भूमरकर से दुर्गा की शादी की बात शुरू की और शादी तय हो गई. शादी को लेकर बुधवार की रात रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में हल्दी और मेहंदी की रस्म की गई, जिसमें सांसद दुर्गा दास उइके शामिल हुए और दुर्गा को आशीर्वाद दिया.
गुरुवार 29 फरवरी को दुर्गा और सुरेश की शादी रेलवे स्टेशन परिसर में स्थित कल्याण केंद्र में धूमधाम से की गई. दुर्गा और सुरेश ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की फोटो के सामने शादी रचाई. इस मौके पर विधायक हेमंत खंडेलवाल और भाजपा जिला अध्यक्ष आदित्य शुक्ला भी मेहमान बने और उन्होंने वर वधू को आशीर्वाद दिया. दुर्गा की शादी को लेकर आरपीएफ स्टाफ बेहद खुश नजर आया, जिसने शादी की व्यवस्था संभाल रखी थी.
विधायक हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि परिवार में परेशानी आने के बाद दुर्गा ने वो काम करना शुरू किया, जिसे शायद ही कोई महिला करती होगी. पूरा शहर दुर्गा के हौसले की प्रशंसा करता है. दुर्गा की सुरेश भूमरकर से शादी कराई गई है. सुरेश हमारी पार्टी के कार्यकर्ता हैं. इस शादी से हम सबको खुशी मिली है.
दूल्हा सुरेश भूमरकर का कहना है कि दुर्गा से बातचीत हुई तो उनका व्यवहार मुझे अच्छा लगा. जब शादी की बात सामने आई तो हम सहमत हो गए. अब आगे का जीवन सुखद रहेगा. दुर्गा की बहन की बेटी की जो जिम्मेदारी है, वह भी पूरी की जाएगी.