शिक्षक पात्रता परीक्षा- 2018 को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। परीक्षा में एक सत्र में दो डिग्री करने वाले कैंडिडेट्स भी मान्य किए जाएंगे। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि एक डिग्री प्राइवेट व डिस्टेंस एजुकेशन से प्राप्त करने और उसी दौरान दूसरी डिग्री रेगुलर करने पर कैंडिडेट्स को शिक्षक भर्ती से बाहर नहीं किया जाएगा। उनकी उम्मीदवारी मान्य होगी।
शिक्षक पात्रता परीक्षा में ऐसे कई कैंडिडेट्स का चयन हो गया था, जिन्होंने डिस्टेंस से PG के साथ रेगुलर बीएड की डिग्री भी एक साथ यानी एक ही शैक्षणिक सत्र में हासिल की थी। इनकी संख्या 500 से ज्यादा है। वहीं, दोनों डिग्रियां रेगुलर करने पर मान्य नहीं किया जाएगा। प्रोफेशनल एजुकेशन बोर्ड (पीईबी) द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा में एक सत्र में एक साथ दो डिग्री करने वालों ने भी आवेदन कर मेरिट में आए।
दस्तावेज सत्यापन के समय दावेदारी पर उठे सवाल
जब दस्तावेजों के सत्यापन की बारी आई, तो दावेदारी पर सवाल खड़े कर दिए। इसे लेकर उम्मीदवारों ने विराेध प्रदर्शन कर उम्मीदवारी को मान्य करने की मांग की थी। वहीं, परीक्षा में अलॉऊ टू कीप टर्म (ATKT) यानी पिछली परीक्षा में पेपर बैक के कारण एक सत्र में दो नियमित डिग्रियां प्राप्त करने की बात सामने आई। एटीकेटी की मार्कशीट में दर्ज सत्र या वर्ष के कारण गैप रहा है, तो ऐसे मामलों में भी उम्मीदवार भी मान्य किए जाएंगे।
बनाई गई थी समिति
स्कूल शिक्षा इंदर सिंह परमार ने बताया कि शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 में उच्च माध्यमिक शिक्षक व माध्यमिक शिक्षक की भर्ती के दौरान दस्तावेज सत्यापन में कुछ प्रकरण अमान्य किए गए थे। इनके विरुद्ध सिलेक्टेड और वेटिंग कैंडिडेट्स से प्राप्त आवेदनों निराकरण के लिए समिति बनाई गई थी। समिति से प्राप्त सुझावों और अनुशंसाओं के आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्णय लिए गए हैं।
इन दो मामलों नहीं मिली राहत
- ग्रेजुएशन लेवल पर फाउंडेशन कोर्स व सामान्य अंग्रेजी पढ़ने वालों को राहत नहीं मिली है। उन्हें माध्यमिक शिक्षक के लिए योग्य नहीं माना है। अंग्रेजी विषय के माध्यमिक शिक्षक पद के लिए केवल उन उम्मीदवारों को ही मान्य किया जाएगा, जिनका स्नातक स्तर पर मुख्य विषय अंग्रेजी होगा। फाउंडेशन कोर्स अथवा सामान्य अंग्रेजी के स्नातक स्तर में होने के आधार पर उनके आवदेन मान्य नहीं होंगे।
- उच्च माध्यमिक शिक्षक के लिए बॉयोलॉजी के को-सब्जेक्ट से स्नातक करने वालों को भी राहत नहीं मिली है। इनको लेकर निर्णय लिया गया है कि को-सब्जेक्ट में पीजी इस शर्त के साथ मान्य होगी कि संबंधित द्वारा स्नातक स्तर पर विज्ञापित मूल विषय में योग्यता अर्जित की हो।