MP बजट 2022: में जबलपुर को क्या मिला, पढ़ें:जबलपुर में खुलेंगे इलेक्ट्रॉनिक वीकल चार्जिंग स्टेशन, ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने पर जोर
जबलपुर, यशभारत। एमपी 2022 का बजट वित्तमंत्री विधानसभा में पेश कर रहे हैं। भोपाल-इंदौर से विकास के मायने में पिछड़ चुके संस्कारधानी में दोनों शहरों के साथ ई-चार्जिंग स्टेशन खुलेंगे। यहां ई-वाहन चार्ज होंगे। साथ ही मेडिकल और नर्सिंग की सीटें बढ़ाई जाएगी। इससे जबलपुर मेडिकल कॉलेज और अन्य नर्सिंग कॉलेजों में सीटें बढ़ने का अनुमान है। हेल्थ सेक्टर में जॉब की काफी संभावनाएं हैं।
शहर की डेयरी, टिम्बर और बरगी-भेड़ाघाट जैसे पयर्टन स्थलों को विकसित करने लिए राशि जारी हो सकती है। जबलपुर की बढ़ती आबादी और सड़कों पर लगने वाले जाम से यहां भी मेट्रो की जरूरत महसूस हो रही है। उम्मीद है कि इंदौर-भोपाल के बाद यहां भी सरकार की नजरें इनायत हो। सबसे बड़ी उम्मीद नर्मदा एक्सप्रेस-वे को लेकर है।
जबलपुर में आयरन, मैग्नीशियम सहित कई खनिज खदानें हैं, लेकिन इस पर आधारित कोई उद्योग नहीं है। जबलपुर में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अलग से नीति की जरूरत है। प्रदेश सरकार ने गंगा की तरह नर्मदा के दोनों ओर पांच-पांच किमी क्षेत्र में जैविक खेती कराने की बात कह चुकी है। उम्मीद है कि बजट में इसके लिए कोई प्रावधान होगा।
नर्मदा एक्सप्रेस-वे के लिए मिल सकती है राशि
नर्मदा एक्सप्रेस-वे के लिए केंद्र सरकार ने 241 करोड़ की राशि पहले ही आवंटित कर चुकी है। जमीन अधिग्रहण के साथ राज्य सरकार को अपना अंश प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेस-वे में देना है। अमरकंटक से जबलपुर के मध्य नेशनल हाई-वे 45 के खण्ड शाहपुरा से डिण्डोरी तक के 61 किलोमीटर मार्ग के अपग्रेडेशन से नार्थ-साउथ कॉरिडोर ग्वालियर-झांसी-सागर-नागपुर और वाराणसी-रीवा-नागपुर नेशनल हाई-वे आपस में जुड़ सकेंगे। इसका आर्थिक, सामाजिक, पुरातात्विक और पर्यटन का लाभ प्रदेश को मिलेगा।
डेयरी उद्योग की असीम संभावनाएं
जबलपुर में दुग्ध उत्पादन सबसे अधिक होता है। यहां 500 के लगभग डेयरी हैं। अभी शहर के आसपास बसी इन डेयरियों की गंदगी परियट और हिरन नदी के साथ नर्मदा को प्रदूषित कर रही है। दूसरी ओर यहां से बड़ी मात्रा में दूध नागपुर भेजा जाता है। यहां प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर और डेयरियों को किसी एक जगह स्थापित कर इंदौर की तरह यहां भी गोबर आधारित सीएनजी का विकल्प अपनाया जा सकता है। साथ ही जैविक खेती के लिए जरूरी खाद भी तैयार हो सकता है।
पर्यटन काे मिले पंख
जबलपुर में विश्वविख्यात भेड़ाघाट है। यहां बरगी का खूबसूरत डैम है। शहर में कई बड़े तालाब हैं। डुमना नेचर पार्क है। कई धार्मिक व प्राचीन मंदिर है। यहां सही तरीके से विकास कर दिया जाए, तो आसपास के राष्ट्रीय उद्यान में आने वाले पर्यटक जबलपुर में भी दो से तीन दिन रुक सकते हैं। यहां के पर्यटन क्षेत्रों को विकसित करने के लिए बजट से काफी उम्मीदें हैं।
स्वास्थ्य सुविधा
कोविड के बाद हेल्थ पर सरकार की ओर से जोर दिया जा रहा है। जबलपुर में मेडिकल कॉलेज है, लेकिन यहां पर्याप्त स्टाफ नहीं है। मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी स्टाफ की भारी कमी है। ग्रामीण पीएचसी-सीएचसी को उन्नत करने के लिए बजट से उम्मीद है। इसके अलावा सीएम राइजिंग स्कूलों, मटर, सिंघाड़ा की प्रोसेसिंग यूनिट के लिए भी बजट से उम्मीदें हैं।