मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में बेचलॉर ऑफ ऑक्युपेशनल थेरेपी परिणाम में गड़बड़ी: 800 अंकों के पेपर रिजल्ट बनाने वाले कंपनी ने 900 दर्ज कर दिए
रिजल्ट बनाने वाले कंपनी और अधिकारियों की भूमिका पर उठे सवाल
जबलपुर, यशभारत। मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में एक बार फिर रिजल्ट को लेकर गड़बड़ी सामने आई है। बेचलॉर ऑफ ऑक्युपेशनल थेरेपी प्रथम वर्ष का परीक्षा विवि की बेवसाइट पर अपलोड किया गया है जिसमें परीक्षा के 900 अंक दर्ज किए गए हैं जबकि सभी अंकों को जोडऩे पर 800 जोड़ आ रहा है। हालांकि गड़बड़ी सामने आने के बाद विवि ने सुधार की बात कही है। इधर छात्र संगठनों ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण इस तरह की लापरवाही हो रही है। परीक्षा परिणाम बनाने और जारी करने के लिए डिजिटल कंपनी को हायर किया गया है बाबजूद रिजल्ट में गड़बड़ी सामने आ रही है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि डिजिटल कंपनी परिणाम बनाने के नाम सिर्फ खानापूर्ति कर रही है।
लाखों रूपए किसलिए भुगतान हो रहा है
छात्र नेता अभिषेक पांडे का आरोप है कि विवि हर माह रिजल्ट बनाने वाली डिजिटल कंपनी को लाखों रूपए भुगतान कर रही है। लेकिन जिस तरह से परिणामों में गलती हो रही है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिर्फ डिजिटल कंपनी खानापूर्ति कर रही है।
स्कू्रटन- टेबोलेटर के बाद कुलपति चैक करते हैं परिणाम
छात्र नेता गोपाल पाराशर ने आरोप लगाते हुए बताया कि बेचलॉर ऑफ ऑक्युपेशनल थेरेपी प्रथम वर्ष परिणाम में हुई गलती के बाद अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कोई भी परीक्षा परिणाम जारी होता है सबसे पहले स्क्रूटन और टेबोलेटर चैक करते हैं इसके बाद साइन होने के लिए कुलपति के पास जाता है। सवाल ये उठता है कि इतने जगह से परिणाम गुजरता है इसके बाबजूद गलती होना यह दर्शाता है कि अभी भी विवि में परीक्षा-परिणाम को लेकर लापरवाही जारी है।
गलती हुई है सुधार करेंगे
कुलसचिव डॉ. पुष्पराज बघेल का कहना है कि कम्यूटरीकृत गलती है इसका सुधार कराया जाएगा। साथ ही रिजल्ट चैक करने वाले अधिकारियों से भी बात कर डिजिटल कंपनी को भी पत्र लिखकर सवाल-जवाब किया जाएगा।