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आशीष अस्पताल संचालक के पुत्र की मौत पर कई सवाल: डॉक्टर को आत्महत्या के लिए इतने दूर जाने की जरूरत क्यों? पड़ी, घटना स्थल से 15 किलोमीटर दूर मिली कार

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जबलपुर, यशभारत। अशीष अस्पताल के संचालक एमपी गुप्ता के पुत्र शिवकांत की मौत पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। चिकित्सा जगत में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। मिलनसार व्यक्तिव और दिलखुश मिजाज के शिवकांत इस तरह का कदम उठाएंगे उनके शुभचिंतकों व परिजनों ने सोचा नहीं था। पुलिस आत्महत्या सहित हर एक पहलू पर जांच कर रही है। घटनास्थल से 15 किलोमीटर शिवकांत की कार बरामद हुई, सवाल है कि शिवकांत एक डॉक्टर थे और उन्हें आत्महत्या करनी थी वह घर पर ही कर सकते थे, इतने दूर जाने की आवश्यकता नहीं थी। इधर एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि कार को इतनी दूर खड़ी करके शिवकांत किस साधन से घटनास्थल तक पहुंचे इसकी जांच की जा रही है। मालूम हो कि आशीष हॉस्पिटल के संचालक एमपी गुप्ता नेपियर टाउन निवासी के पुत्र डॉक्टर शिवकांत गुप्ता 40 वर्ष 2 दिन पहले सुबह 5.30 बजे अपनी कार से घर से रवाना हो गए थे लेकिन इसके बाद उनका कहीं पता नहीं चला अपने रिश्तेदार परिचितों और शिवकांत गुप्ता के दोस्तों से उसके आने के बारे में जानकारी ली थी लेकिन कहीं भी शिवकांत का पता नहीं चला। इसके बाद परिजनों ने मदन महल थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

घर पर ही रख कर गायब हुए थे शिवकांत
मदन महल पुलिस के अनुसार शिव कांत गुप्ता जब घर से गायब हुए थे तो वह अपना मोबाइल घर पर ही रख कर चले गए थे रोजाना की तरह सुबह अपनी गाड़ी से वॉक के लिए निकले थे लेकिन देर रात तक घर वापस नहीं आए।

आत्महत्या की जांच में जुटी
शिव कांत गुप्ता के गायक हो जाने के बाद चिकित्सा क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं थी कहा जा रहा था कि शिवकांत गुप्ता का अपहरण किया गया है। इसको लेकर भी पुलिस जांच कर रही थी लेकिन शनिवार की सुबह उनकी लाश रेलवे ट्रैक के पास मिलने से चर्चाओं पर विराम लगा। पुलिस आत्महत्या एंगल से लेकर किन कारणों से यह आत्मघाती कदम उठाया इस पर जांच कर रही है।

डॉक्टर की आत्महत्या कई से सवाल खड़े हुए
डॉक्टर शिवकांत गुप्ता की आत्महत्या के पीछे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। घर पर फोन रखकर अकेले उस रास्ते में जाना जहां कभी वह गए नहीं। इसके बाद घटना स्थल से करीब 15 किलोमीटर दूर कार का बरामद होना कई सवाल को खड़ा कर रहा है। चर्चा है कि अगर डॉक्टर को आत्महत्या करनी थी तो वह यह काम घर पर रहकर ही कर सकते थे इतने दूर जाने की क्या जरूरत थी। सबसे अहम सवाल कार को इतनी दूर खड़ी करके वह घटना स्थल तक कैसे पहुंचेंगे इन सभी सवालों का जवाब पुलिस तालाश रही और जांच में जुटी हुई हैं।

कुछ लोगों से अच्छी दोस्ती, रोज हो रहा था घूमना
सूत्रों का कहना है कि डॉक्टर शिवकांत गुप्ता की अस्पताल के कुछ लोगों से अच्छी खासी दोस्ती थी, रोजाना उनके साथ घूमने जाना और देररात घर लौटना शिवकांत की दिनचर्या हो गई थी।

वरिष्ठ आईएएस के साले थे शिवकांत, विवाह नहीं हुआ था
डॉक्टर शिवकांत आत्महत्या को लेकर पुलिस जांच में जुटी है। डॉक्टर शिवकांत एक वरिष्ठ आईएएस के साले थे । बताया जा रहा है कि शिवकांत ने अभी विवाह नहीं किया था।

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