भोपालमध्य प्रदेश

भक्तों से दूर हुए भगवान, गंदगी से घिरे भोलेनाथ 

भक्तों से दूर हुए भगवान, गंदगी से घिरे भोलेनाथ 
– राजधानी में आस्था और स्वच्छता शर्मसार, 
ईदगाह हिल्स स्थित वार्ड नंबर 10 में मंदिर और यज्ञ शाला दुर्दशा का शिकार   
आशीष दीक्षित, भोपाल। राजधानी में लोगों की आस्था पर प्रशासन ने प्रहार किया है। हालात यह है कि प्रशासनिक उदासीनता के चलते लोग अपने भगवान से दूर हो गए है। एक ऐसा ही मामला इस दिनों लोगों के बीच आक्रोश का कारण भी बना हुआ है। भोपाल के ईदगाह हिल्स स्थित वार्ड नंबर 10 में प्राचीन भोलेनाथ मंदिर श्रद्धालुओं के लिए दुर्गम बन गया है। मंदिर के चारों ओर फैली गंदगी, रुका हुआ नाला और बदबू ने स्थानीय लोगों की आस्था को झकझोर दिया है। नगर निगम और प्रशासनिक चुप्पी ने इस धार्मिक स्थल को अव्यवस्था और अपमान का प्रतीक बना दिया है। वहीं, स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 में शहर की स्वच्छता रैंकिंग को भी बट्टा लगा सकता है।

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मंदिर परिसर का हाल बेहाल
टीबी अस्पताल के सामने स्थित इस मंदिर का परिसर अब श्रद्धालुओं के लिए खतरे का क्षेत्र बन गया है। मंदिर के चारों ओर नाले का गंदा पानी जमा है, जिसकी बदबू पूरे इलाके में फैल रही है। बारिश के बाद कीचड़ और बदबू और बढ़ जाती है। मंदिर परिसर में पूजा करने आए लोग फिसलन और कीचड़ के कारण परेशान हैं। मंदिर के भीतर स्थित यज्ञशाला भी पूरी तरह जर्जर स्थिति में है। दीवारों पर दरारें, टूटे फर्श और छत की कमजोर स्थिति पूजा को खतरे में डाल रही है।
मंदिर के पुजारी गंगा प्रसाद शास्त्री का कहना है कि हम कई बार नगर निगम से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब भगवान के दरबार तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। श्रद्धालुओं को डर है कि कहीं फिसलकर चोट न लग जाए। मंदिर के आसपास नालियों का पानी कभी बहता ही नहीं और मल्टी बिल्डिंगों से निकलने वाला गंदा पानी सीधे मंदिर के आसपास ही गिरता रहता है।
श्रद्धालुओं में बढ़ता आक्रोश  
– कैलाश मेहर का कहना है कि यह मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है। अब गंदगी और बदबू के कारण कोई नहीं आता। नगर निगम की अनदेखी ने हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। जब भगवान के मंदिर तक सफाई नहीं होगी, तो श्रद्धालु कैसे आस्था व्यक्त करेंगे।
– अर्जुन चौहान का कहना है है कि श्रद्धालु शिकायत करते हैं कि शिवरात्रि और सावन जैसे पर्वों पर भी मंदिर में पहले की तरह भीड़ नहीं होती। मंदिर परिसर की दुर्दशा के कारण लोग पूजा करने से डर रहे हैं। यहां तक कि कुछ श्रद्धालु अब घर पर ही पूजा करने को मजबूर हैं।
– आदित्य प्रताप सिंग का कहना है कि स्थानीय लोगों का आरोप है कि मंदिर के पास बनी मल्टी बिल्डिंगों से निकलने वाला गंदा पानी सीधे नाले में  गिरता है जिससे बदबू और कीचड़ फैलता है। शिकायत के बाद भी काई व्यवस्था नहीं हो सकी है। धार्मिक आयोजन यहां हो नहीं पा रहे हैं साथ ही यज्ञ शाला भी दुर्दशा का शिकार हो चुकी है।
नगर निगम की लापरवाही और स्वच्छता का संकट
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम साफ-सफाई और नाले की निकासी में लगातार लापरवाह रहा है। नियमित सफाई न होने और गंदा पानी जमा होने से मंदिर परिसर जर्जर और अस्वस्थ हो गया है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 में भोपाल को बेहतर रैंकिंग देने के लिए नगर निगम कई बड़े दावे कर रहा है, लेकिन मंदिर जैसे पवित्र और महत्वपूर्ण स्थल पर उपेक्षा इस रैंकिंग को सीधे खतरे में डाल सकती है। लोगों का कहना है कि मंदिर के चारों ओर कचरा और कीचड़ देखना अब आम बात हो गई है।
धार्मिक भावनाओं को ठेस
भोलेनाथ मंदिर न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए बल्कि पूरे ईदगाह हिल्स क्षेत्र के लिए आस्था का प्रतीक है। मंदिर में पूजा करना अब कठिन हो गया है। यज्ञशाला और मंदिर के चारों ओर फैली गंदगी ने धार्मिक कार्यक्रमों और पूजा-अर्चना को प्रभावित किया है। स्थानीय पुजारी और निवासी नगर निगम से मांग कर रहे हैं कि तुरंत सफाई व्यवस्था बहाल की जाए, नाले का पानी निकाला जाए और मंदिर परिसर सुरक्षित बनाया जाए, ताकि आस्था का यह केंद्र पुन: श्रद्धालुओं के लिए खुल सके और स्वच्छ सर्वेक्षण में भी शहर की छवि सुधार सके।
मंदिर स्थल का जायजा लिया जाएगा
मंदिर स्थल पर जल्द ही साफ सफाई कराई जाएगी किसी भी तरह से लोगों को परेशानी नहीं आने दी जाएगी। यहां पर अब तक सफाई क्यों नहीं हुई इस संबंध में सबंधित अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी।
– संस्कृति जैन, कमिश्रर, नगर निगम भोपाल

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