पेट्रोल डीजल को लेकर शहर के पंपों में लगी लंबी कतार ,जनता के मध्य असमंजस का माहौल
जबलपुर यश भारत।केंद्र सरकार के हिट एंड रन मामले में नए कानून पास होने पर शहर में नई समस्या खड़ी हो गई है. दरअसल इस कानून के विरोध में ट्रक और टैंकर ड्राइवर अनिश्चितकाल तक हड़ताल पर बैठ गए हैं. ड्राइवरों के ऐसा करने से एक बड़ी समस्या प्रदेश में खड़ी हो गई है. ऐसे में पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल की आंशिक किल्लत शुरू हो गई है. जानकारी के मुताबिक, कई पेट्रोल पंप ड्राइ हो गए हैं. वहीं पेट्रोल पंप के मालिकों का मानना है कि अगर ड्राइवरों को हड़ताल और लंबे समय तक चली तो कई और पेट्रोल पंप ड्राइ हो जाएंगे। इसी कड़ी में शहर में भी शहपुरा स्थित तीन प्लांट में टैंकरों के पहिये हड़ताल के चलते थमे हुए हैं। अपनी मांगों को लेकर हजारों टैंकर और ड्राइवर तीनों प्लांट के सामने खड़े हुए हैं। दरअसल केंद्र सरकार ने नए साल से हिट एंड रन के मामलों में सजा और जुर्माना बढ़ाने का नया कानून लागू कर दिया है। जिसके विरोध में ट्रक चालकों के साथ-साथ टैंकर चालक भी हड़ताल पर जा चुके हैं। बता दें कि नए कानून के तहत सड़क दुर्घटना होने पर भारी वाहन के चालक यदि दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान रखा गया ।
शहर के पेट्रोल पंपों में लगी गाड़ियों की लाइन- जैसे ही यह खबर आग की तरह पूरे शहर में फैली वैसे ही लोगों में एक असमंजस का माहौल व्याप्त हो गया जनता के बीच में इस प्रकार के माहौल के कारण सभी अपनी गाड़ियांपेट्रोल पंप में लेकर पहुंचने लगे और लाइन लगाकर पेट्रोल भरवाने पहुंच गए।
कई और व्यापार वाहन चालकों पर ही निर्भर-ड्राइवरों की हड़ताल का असर काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है. पेट्रोल पंप संगठन के पदाधिकारीयों ने बताया कि पेट्रोल-डीजल ही नहीं बल्कि कई और व्यापार वाहन चालकों पर ही निर्भर है. उन्होंने कहा कि फिलहाल ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन प्रदेश के कुछ पेट्रोल पंप पर डीजल और पेट्रोल नहीं है. इसके अलावा फिलहाल हालात समान्य हैं. आने वाले दिनों में पेट्रोल ड्राइवर की हड़ताल का असर जितना अधिक दिखाई देगा, उतनी ही दिक्कत सामने आ सकती है.ट्रक और टैंकर के ड्राइवर हड़ताल हैं. इससे आने वाले कुछ दिनों में पेट्रोल-डीजल और एलपीजी सेवाएं बंद होने की आशंका जताई जा रही है. आए दिन प्रदेश के पेट्रोल-डीजल डिपो पर ट्रकों की लंबी-लंबी लाइने लगी रहती थीं. लेकिन अब डिपो खाली पड़े हुए हैं