भोपालमध्य प्रदेश

श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना कालिका घाट मंदिर, लग रही कतार 

श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना कालिका घाट मंदिर, लग रही कतार 

भोपाल यशभारत। शहर के छोटे तालाब के पास स्थित कालिका घाट मंदिर देवी काली की आराधना का प्रमुख स्थल है। यह मंदिर 1967 में कालिका मंदिर धर्मार्थ न्यास द्वारा स्थापित किया गया था और आज यह भोपालवासियों की आस्था का केंद्र बन चुका है। मंदिर का सबसे आकर्षक हिस्सा इसका 108 फीट ऊंचा शिखर है, जो दूर से भी देखा जा सकता है और श्रद्धालुओं का ध्यान खींचता है। मंदिर में माता दक्षिण काली की भव्य मूर्ति स्थापित है, जबकि गर्भगृह में माता बीजासन की प्रतिमा दर्शनीय है। भक्त यहां विशेष रूप से नवरात्रि में पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं। इस दौरान मंदिर में भारी भीड़ रहती है और पट पूरे दिन श्रद्धालुओं के लिए खुले रहते हैं।
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं की मान्यता है कि माता काली यहां से किसी को खाली हाथ नहीं भेजती। भक्त अपनी मन्नत पूरी होने पर मंदिर में पूजा करते हैं और कलावा बांधते हैं। यही कारण है कि नवरात्रि में मंदिर में भक्ति और उल्लास का माहौल देखने लायक होता है। मंदिर का धार्मिक महत्व भी अत्यधिक है। नवरात्रि के दौरान यहां विशेष अनुष्ठान और पूजन आयोजित किए जाते हैं, जिनमें भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भाग लेते हैं।

कालिका घाट मंदिर शहर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। इसका पता सुल्तानिया रोड, तलैया, भोपाल है। दूर-दूर से भक्त यहां माता काली के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं। मंदिर का प्रबंधन कालिका घाट मंदिर समिति करती है, जिसके अध्यक्ष गगन सोलंकी हैं। समिति द्वारा मंदिर में साफ-सफाई और व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है, ताकि भक्तों को सहज और सुरक्षित वातावरण में पूजा-अर्चना करने का अवसर मिल सके।

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