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जेईई एडवांस्ड 2025: मध्यप्रदेश के सितारे चमके, बुरहानपुर के माजिद ने हासिल की AIR-3; जबलपुर के देव ने केमिस्ट्री में पाए 100/100

भोपाल, मध्य प्रदेश: इंजीनियरिंग के सबसे प्रतिष्ठित प्रवेश द्वार, जेईई एडवांस्ड 2025 के परिणाम घोषित हो गए हैं, और मध्यप्रदेश के छात्रों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। बुरहानपुर के माजिद मुजाहिद हुसैन ने अखिल भारतीय स्तर पर तीसरी रैंक (AIR-3) हासिल कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। वह मध्यप्रदेश के टॉपर रहे हैं। इस परीक्षा में पहले स्थान पर कोटा (राजस्थान) के राजित गुप्ता और दूसरे स्थान पर सक्षम जिंदल रहे।


माजिद की सफलता का मंत्र: ‘खुद पर भरोसा जरूरी’

अपनी शानदार सफलता पर माजिद ने कहा, “सफल होना है तो खुद पर भरोसा जरूरी है। ऐसा होने पर आप ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। साथ ही, मानसिक तनाव से दूर रहते हैं।” उनकी यह बात उन हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।


जबलपुर के देव कौरव ने केमिस्ट्री में गाड़े झंडे

वहीं, जबलपुर के देव कौरव ने भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। उन्होंने जेईई एडवांस्ड परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 159 हासिल की है। देव की सबसे खास उपलब्धि यह रही कि उन्होंने कैमिस्ट्री विषय में 100 में से 100 नंबर प्राप्त किए हैं, जो उनकी विषय पर असाधारण पकड़ को दर्शाता है।


भोपाल के हमजा ने भी किया बेहतरीन प्रदर्शन

भोपाल के मोहम्मद हमजा, जो जेईई मेन्स के रिजल्ट में शहर के टॉपरों में शामिल थे, ने जेईई एडवांस्ड में ऑल इंडिया रैंकिंग 1595 हासिल की है। हमजा ने बताया कि यह लगातार दूसरा साल है जब उन्होंने जेईई मेन क्लियर किया। पिछली बार उनकी रैंक 4 हजार के करीब थी, लेकिन तब तबीयत बिगड़ने के कारण वे जेईई एडवांस्ड की तैयारी नहीं कर सके थे, जिसके चलते उनकी रैंक 17 हजार पहुंच गई थी। इस बार उन्होंने इसमें उल्लेखनीय सुधार किया है।


आईआईटी कानपुर ने आयोजित की थी परीक्षा

जेईई एडवांस्ड 2025 का आयोजन आईआईटी कानपुर ने किया था। देश की 23 आईआईटी में उपलब्ध 17,740 सीटों के लिए यह परीक्षा 18 मई को दो शिफ्ट में आयोजित की गई थी। जेईई-मेन के बाद इस परीक्षा के लिए 2.50 लाख से अधिक छात्रों को क्वालीफाई किया गया था।


देश के टॉपरों की सोच: तनाव से दूर, लगन से पढ़ाई

देश में पहली रैंक हासिल करने वाले कोटा के राजित गुप्ता ने बताया कि उन्होंने कभी पढ़ाई का शेड्यूल नहीं बनाया। “जब भी इच्छा हुई, पढ़ाई की। एग्जाम को लेकर टेंशन नहीं ली। न तो ये सोचा कि टॉप करना है, न ही ये सोचा कि एग्जाम क्रेक नहीं किया तो क्या होगा?” वहीं, दूसरी रैंक वाले सक्षम जिंदल का सपना क्रिकेटर बनना है, जो दर्शाता है कि सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि अन्य रुचियों को भी बढ़ावा देना आवश्यक है।

मध्यप्रदेश के इन छात्रों की सफलता से इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ने की सोच रखने वाले अन्य छात्रों को निश्चित रूप से प्रेरणा मिलेगी।

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