JABALPUR NEWS- 8 वर्षो मे अधोसंरचना विकास में मध्यप्रदेश की विभिन्न परियोजनाओं में रेलवे छू रहा नई ऊंचाइयाॅ
जबलपुर । भारतीय रेल द्वारा सभी प्रदेशों में विभिन्न परियोजनाओं में अधोसंरचना का विकास एक योजनाबद्ध तरीके से विस्तारित किया जा रहा है। भारतीय रेल द्वारा अपनी कार्यप्रणाली में विकसित एवं अत्याधुनिक तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारतीय रेल की परियोजनाओं में मध्य प्रदेश राज्य विशेष महत्व रखता है। पिछले 08 वर्षों में मध्य प्रदेश राज्य में रेलवे उत्तरोत्तर विकास की और अग्रसर रहा है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में रेलवे के विकास के लिए रेल परियोजनाओं के लिए पूंजी निवेश वर्ष 2009 -14 में रूपये 632 करोड़ औसत परिव्यय को बढाकर वर्ष 22-23 में रुपये 12,110 करोड़ कुल परिव्यय हुआ है जो कि पिछले 08 वर्ष में 19 गुना से अधिक की अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हुई है।
40 से अधिक नई लाईन, विभिन्न अधोसंरचना के निर्माण कार्य किया
ये अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी विभिन्न रेलवे परियोजनायें एवं अधोसरंचना के कार्य क्षेत्र के विकास की प्रगति को दर्शाता है। रेलवे ने मध्यप्रदेश में वर्ष 2022 तक विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत 40 से अधिक नई लाईन, गेज परिवर्तन एवं दोहरीकरण/तिहरीकरण जैसे विभिन्न अधोसंरचना के निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस विभिन्न परियोजनाओं की लागत रुपये 52 हजार करोड़ से अधिक रही है। इस प्रकार मध्यप्रदेश में रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर और सेफ़्टी की परियोजनाओं में कुल आउटले वर्ष 20-21 में रुपये 6,509 करोड़ से बढ़ोत्तरी करते हुए वर्ष 22-23 में रुपये 12,110 करोड़ प्रदान किया गया है।
परियोजनाओं को गति प्रदान करते हुए नई ऊंचाइयों को छुआ
मध्यप्रदेश पिछले कुछ वर्षों में रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को गति प्रदान करते हुए नई ऊंचाइयों को छुआ है। इससे प्रदेश के क्षेत्रों का विकास, अर्थिक और औद्योगिक विकास के साथ-साथ रोजगार को बढ़ावा मिला है। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश में पूर्ण हुये कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं की जानकारी निम्न है। * 181 किलोमीटर नयी रेलवे लाईन का निर्माण कार्य पूर्ण। ( ललितपुर-सिंगरौली परियोजना में टीकमगढ़-खजुराहो, टीकमगढ़-मवई , दाहोद-इंदौर परियोजना में इंदौर-टीही, छोटा उदेपुर-धार परियोजना में मोती सढली-अलीराजपुर, अलीराजपुर-खंडाला , कटंगी-तिरोड़ी परियोजना में कटंगी- तिरोड़ी )
* 588 किलोमीटर दोहरीकरण/तिहरीकरण अधोसंरचना का निर्माण कार्य पूर्ण। ( दोहरीकरण परियोजना-273 किमी की परियोजनाओं में प्रमुख जबलपुर-इटारसी परियोजना में घाट पिंडरई-बेलखेड़ा एवं सोनतलाई-बगरातवा, बीना-गुना परियोजना में गुना- पिपरई गांव एवं बीना-कंजिया, गुना-रूठियाई परियोजना में गुना-रुठियाई, कटनी-सिंगरौली परियोजना में नई कटनी जंक्शन-खन्ना बंजारी एवं देवराग्राम-महदेईया, सतना-रीवा परियोजना में रीवा-तुर्की एवं सतना- सकरिया और तिहरीकरण परियोजना-315 किमी की परियोजनाओं में प्रमुख बीना-भोपाल परियोजना में बीना-भोपाल, बीना-कटनी परियोजना में सागर-नरियावली, मकरोनिया-लिधोरा खुर्द एवं बीना मालखेड़ी-खुरई, भोपाल-बरखेड़ा परियोजना में भोपाल-बरखेड़ा एवं इटारसी-बुदनी परियोजना में इटारसी-बुदनी इत्यादि)
* 627 किलोमीटर गेज परिवर्तन का निर्माण कार्य पूर्ण। (प्रमुख गोंदिया-जबलपुर परियोजना में जबलपुर- नैनपुर, नैनपुर-बालाघाट, छिंदवाड़ा-मण्डलाफोर्ट परियोजना में छिंदवाडा-मण्डलाफोर्ट इत्यादि )
मध्यप्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 06 क्षेत्रीय रेलवे जिसमें पश्चिम मध्य रेल, पश्चिम रेलवे, मध्य रेल, उत्तर मध्य रेल, दक्षिण पूर्व मध्य रेल एवं पूर्व मध्य रेल का विशेष योगदान रहा है। इन सभी रेलवे ने अपनी अभूतपूर्व अधोसंरचना के निर्माण कार्य को गतिप्रदान करते हुए नई ऊंचाइयों को छुआ है। जिसमें पश्चिम मध्य रेलवे ने मध्यप्रदेश के उतरोत्तर विकास में रेलवे के नये आयामों को बढ़ाया है। पश्चिम मध्य रेलवे ने कुछ अभूतपूर्व परियोजनाओं में मध्यप्रदेश के विकास में उच्चतम वृद्धि हुई है।