जबलपुरभोपालमध्य प्रदेशराज्य

JABALPUR NEWS: स्कूलों को डराने के लिए एक्शन ठीक है पर आज तक एक भी स्कूल में ताला नहीं लगा पाए अफसर

WhatsApp Icon
Join Yashbharat App

जबलपुर, यशभारत। कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना लगातार निजी स्कूलों की लूट-खसूट पर प्रतिबंध लगाने कटिबद्है   और होना भी चाहिए। क्योंकि हर साल निजी स्कूलों द्वारा फीस से लेकर यूनिफार्म के दामों पर बढ़ोत्तरी कर दी जाती है। यही नहीं किसी विशेष दुकान से सामग्री खरीदने के लिए अभिभावकों पर दवाब बनाया जाता है। कलेक्टर कार्रवाई से आमजन खुश है अभिभावकों को भी लगने लगा कि निजी स्कूल अब सुधर जाएंगे। पर सवाल उठता है कि इससे पहले भी बहुत से प्रशासनिक अधिकारियों ने निजी स्कूलों पर कार्रवाई का चाबुक चलाया लेकिन नतीजा ये हुआ कि आज भी बेधड़क और मनमानी से स्कूल संचालित हो रहे हैं। कहने का मतलब साफ है कि कार्रवाई से आज तक स्कूलों के गेट पर ताला नहीं लगा है।

neeraj 1 3 1

पूर्व जिला पंचायत सीईओ को गेट पर घुसने नहीं दिया
कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना के पहले आईएएस अधिकारी पूर्व जिला पंचायत सीईओ ने निजी स्कूलों की लूट-खसूट पर प्रतिबंध लगाने तबातोड़ कार्रवाई के आदेश दिए थे। वे खुद स्वयं निजी स्कूलों पर जाकर वहां की वास्तविकता चैक कर रही थी। ये बात भी सभी को पता है कि एक प्राइवेट स्कूल ने उनको गेट के अंदर घुसने नहीं दिया था, यहां तक कि उस समय के शिक्षा विभाग अधिकारियों को स्कूल अंदर आना से मना कर दिया गया था।

neeraj 1 4

यहां मान्यता समाप्ति की कार्रवाई करो, भोपाल पैसे लेकर पहंुचो, सब ओके
निजी स्कूलों को मान्यता देने की आड़ में किस तरह का गोरखधंधा फल फूल रहा है अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां के प्रशासनिक अधिकारियों ने कई बार खामियां मिलने पर स्कूलों की मान्यता समाप्त की परंतु निजी स्कूल के मालिक भोपाल पहुंचकर वहां पैसे खर्च किए और सब ओके करा लेते हैं। आज तक के इतिहास में किसी भी स्कूल की मान्यता समाप्त नहीं की गई है।

स्थानीय अधिकारियों की कार्रवाई पर संदेह नहीं
यह पहला मौका नहीं है जब निजी स्कूलों पर तबातोड़ कार्रवाई की जा रही है । इससे पहले कई अधिकारियों ने कार्रवाई का डंडा चलाया। जबलपुर शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने हर बार पूरी ईमानदारी से निजी स्कूलों पर कार्रवाई के कागज दौड़ाए पर भोपाल जाकर अधिकारियों की सारी मेहनत पर निजी स्कूल पानी फेर देते हैं।

 

neeraj 1 5
1013 स्कूल प्राइवेट जिले में
जबलपुर जिले में कक्षा एक से लेकर बारहवीं तक कुल 1013 प्राइवेट स्कूल संचालित हो रहे हैं। जिसमें 756 प्राइवेट स्कूल ऐसे जहां पर निःशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश दिया जाता है।

मान्यता देना और समाप्त करना भोपाल के हाथों में
निजी स्कूलों मान्यता देने का काम लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के क्षेत्राधिकार में है। किसी निजी स्कूल को मान्यता चाहिए हैं तो वह जिला शिक्षा अधिकारी के पास आवेदन करेगा इसके बाद डीईओ आॅफिस की टीम संबंधित स्कूल का निरीक्षण कर एक रिपोर्ट संभागीय संयुक्त संचालक लोंक शिक्षण को भेजेंगी जहां से परीक्षण करने के बाद भोपाल कार्यालय पूरी फाइल भेजी दी जाती है जहां से तय होता है कि स्कूल को मान्यता देना है की नही।

Related Articles

Back to top button
Notifications Powered By Aplu