ITI छात्र ने किया सुसाइड:जबलपुर में सीधी से आकर कर रहा था पढ़ाई, जहर खाने के दूसरे दिन प्रबंधन ने दी पिता को सूचना

सीधी से आकर जबलपुर के मझौली शासकीय आईटीआई कॉलेज से पढ़ाई करने वाले 18 वर्षीय छात्र ने सुसाइड कर लिया। परिजनों का दावा है कि आईटीआई प्रबंधन ने जहर खाने के दूसरे दिन तड़के हालत बिगड़ने पर सूचना दी। आरोप लगाया कि मझौली अस्पताल ने अधूरा इलाज करने के बाद उनके बेटे को डिस्चार्ज कर दिया था। बाद में हालत बिगड़ी तो हाथ खड़े कर दिए। आंसुओं के साथ परिजन उसकी लाश लेकर सीधी रवाना हुए।
सीधी के रघुनाथपुर रामपुर निवासी कृष्णकांत मिश्रा के तीन बेटों में सबसे छोटे हर्ष कुमार मिश्रा (18) एक साल पहले जबलपुर के मझौली स्थित आईटीआई में पढ़ाई करने आए थे। हॉस्टल में ही रह रहे थे। पिता कृष्णकांत मिश्रा के मुताबिक एक अक्टूबर को दोपहर में आईटीआई प्रबंधन की ओर से सूचना दी गई थी कि आपका बेटा क्लास रूम में सिगरेट पी रहा था। उसी शाम हर्ष ने हॉस्टल के कमरे में जहर खा लिया। हालत बिगड़ने पर उसे मझौली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। शाम सात बजे भर्ती कराने के बाद रात 11 बजे अस्पताल ने डिस्चार्ज कर दिया। हालांकि परिजनों को इसकी खबर नहीं दी गई।
रात तीन बजे बिगड़ी हालत
भाईयों में दूसरे नंबर के सौरभ मिश्रा ने बताया कि एक अक्टूबर की देर रात तीन बजे उसके छोटे भाई की हालत खराब होने लगी। आईटीआई प्रबंधन ने फिर मझौली अस्पताल ले गए। वहां से हर्ष को रेफर कर दिया गया। उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। दो अक्टूबर की सुबह 4.30 बजे पिता कृष्णकांत को इसकी खबर दी गई। वे दोपहर दो बजे जबलपुर पहुंचे। तीन अक्टूबर की सुबह सौरभ भी जबलपुर पहुंचा। शाम को उसकी मौत हो गई।

कॉलेज और अस्पताल की लापरवाही से गई जान
हर्ष की मौत के लिए पिता कृष्णकांत और भाई सौरभ ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रबंधन ने मामला छुपाया। जहर खाने के तुरंत बाद सूचना दिए होते तो वे उसका इलाज करा सकते थे। वहीं मझौली अस्पताल के डॉक्टरों ने हद दर्जे की लापरवाही बरती। जहर खाने वाले व्यक्ति को महज तीन घंटे में ठीक बता कर डिस्चार्ज करने से उसके भाई की जान गई। परिजनों ने सीएम हेल्पलाइन में इसकी शिकायत की है।