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खिलाफ नहीं, मिलकर चलना जरूरी- क्वाड समिट में बोले मोदी

वाश्ंिागटन, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  अमेरिका के दौरे पर हैं। शनिवार को उनके दौरे का पहला दिन था। पीएम मोदी का पिछले 10 साल के कार्यकाल में अमेरिका का 9वां दौरा हैं। यहां उन्होंने क्वाड (क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग) की बैठक में हिस्सा लिया। यह बैठक भारतीय समयानुसार रात 1 बजकर &0 मिनट पर हुई। इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज और जापान के पीएम फूमियो किशिदा भी शामिल हुए।समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह बैठक ऐसे समय में आयोजित हो रही है जब विश्व तनाव और संघर्ष के दौर से घिरा हुआ है। ऐसे में हमारा साथ मिलकर चलना मानवता के लिए जरूरी है। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान, संप्रभुता और मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। क्वाड बैठक के बाद पीएम मोदी ने जापान के पीएम फुमियो किशिदा से मुलाकात की।

बाइडेन-मोदी के बीच एक घंटे तक चली बैठक
समिट से पहले पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से उनके होमस्टेट डेलावेयर स्थित आवास पर मुलाकात की। इस दौरान बाइडेन ने पीएम मोदी का गले लगाकर स्वागत किया। इसके बाद बाइडेन और पीएम मोदी के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। जोकि एक घंटे तक चली। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पीएम मोदी के अमेरिका पहुंचने से कुछ घंटे पहले खालिस्तान समर्थक नेता व्हाइट हाउट पहुंचे। यहां उन्हें अमेरिकी सरकार ने आश्वासन दिया कि वे सिख एक्टिविस्ट को दूसरे देशों के दमन से बचाएंगे।

दुनिया को 4 करोड़ वैक्सीन देगा भारत
समिट के बाद पीएम मोदी ने अन्य क्वाड नेताओं के साथ कैंसर मूनशॉट कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यहां पीएम मोदी ने इंडो पेसिफिक देशों को 4 करोड़ वैक्सीन फ्री में देने की घोषणा की। इसके साथ ही टेस्टिंग किट और डिटेक्टिंग किट भी देने की घोषणा की। पीएम ने कहा कि भारत ने सर्वाइकल कैंसर के लिए अपनी वैक्सीन बनाई है। हम अपने अनुभव और विशेषज्ञता को शेयर करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने वन अर्थ वन हेल्थ का फॉर्मूला दिया।

मीटिंग के बाद जारी किया संयुक्त बयान
क्वाड मीटिंग के बाद चारों देशों ने संयुक्त बयान जारी किया। इसमें ईस्ट और साउथ चाइना सी की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। कोस्ट गार्ड और समुद्री जहाजों के खतरनाक इस्तेमाल की निंदा की गई। नॉर्थ कोरिया के बैलेस्टिक मिसाइल प्रोग्राम की भी निंदा की गई। इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध में अंतराष्ट्रीय नियमों के तहत संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को ध्यान में रखकर समाधान निकालने की बात कही गई। आतंकी हमलों की निंदा की गई। यूएन में सुधारों का जिक्र भी किया गया। सुधारों के जरिए यूएन को समावेशी और अधिक प्रभावशाली बनने पर प्रतिबद्धता जताई है। इसके साथ ही यूएनएससी में अमेरिकी, अफ्रीकी और एशियाई देशों को शामिल करने की बात भी कही गई।

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