जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

तीन साल बाद भी शुरु नहीं हो सकी 2 तहसील के 74 गांवों के किसानों को पानी देने की सिंचाई परियोजना

छतरपुर/बड़ामलहरा. बडामलहरा व घुवारा तहसील क्षेत्र के 74 गांव के किसानों को सिंचाई के लिए पानी देने की योजना तीन साल बाद भी शुरु नहीं हो सकी है। घुवारा और बड़ामलहरा तहसील इलाके के 74 गांव के किसानो के लिए काठन सिंचाई परियोजना का जल संसाधन विभाग ने 253 करोड़ का टेंडर मार्च 2023 में जारी किया था। बेनशार्क प्राइवेट लिमटेड कंपनी को ठेका मिला है। प्रशासनिक स्तर पर जमीन अधिग्रहण के लिए धारा 11 का प्रकाशन भी हो गया है। लेकिन काम अभी तक शुरु नहीं हो सका है।
15 हजार हेक्टयेर भूमि होना है सिंचित
योजना के जरिए 15 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जाना था, ताकि बेरोजगारी के चलते इलाके से हो रहे पलायन को रोका जा सके। लेकिन पलायन रोकने के मकसद से तैयार की गई परियोजना पर आज तक काम शुरु नहीं हो सका है। जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो वर्ष पूर्व 16 सितंबर 2020 को ग्राम लिधौरा में उपचुनाव की सभा के दौरान 394 करोड रुपए की काठन सिंचाई परियोजना की आधार शिला रखी। इसके अलावा 150 करोड रुपए क्षेत्र के विकास कार्यो पर खर्च करने की घोषणा की थी।
 काठन नदीइन गांवों को मिलना था लाभ
योजना की आधार शिला रखे जाने से क्षेत्र के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई। क्योंकि उन्हें पता था कि परियोजना से मिलने वाला सिंचाई का पानी उनकी किस्मत बदल सकता है। लेकिन योजना पर काम शुरु न होने से किसानों में अब मायूसी है। योजना में काठन नदी पर आमखेरा के पास बांध निर्माण प्रस्तावित है। बडामलहरा व घुवारा तहसील के 74 गावों की 15 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित की जाना है। इस योजना की पूर्णत: के पश्चात वर्षों से चली आ रही सूखे की समस्या से किसानों को निजात मिल सकेगी। घुवारा तहसील के पनवारी, चूरामनखेरा, चरखाखेरा, रिछारा, मूसनखेरा, चौनाउन खेरा, बांकपुरा, झिंगरी, माखनपुरा, रामपुरा, कुंवरपुरा सहित 19 गांव भगवां क्षेत्र के भगवां, जनकपुरा, मथानीखेरा, कुसाल सहित 16 गांव, बड़ामलहरा क्षेत्र के लिधौरा, पथरिया, पिपराकला, ग्वालगंज, सैरोरा, वीरों, धरमपुरा, बमनी सहित 39 गांव लाभांवित करने की योजना पर काम शुरु किया जाना था।
22 करोड खर्च करके भी श्यामरी को नहीं मिला पुनर्जीवन
शिवराज सरकार ने क्षेत्र के किसानों को मजबूत करने की दिशा में श्यामरी नदी पुनर्जीवन योजना तैयार की थी इससे क्षेत्र के 3 दर्जन से अधिक गांव के हजारों परिवारों की किस्मत बदलने वाली थी। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता से किसानों की किस्मत तो नहीं बदल सकी पर सरकारी राशि का दुरुपयोग जरूर हो गया। जल अभिषेक अभियान अंतर्गत बडामलहरा अंचल के खेतों के पानी पहुंचाने के उद्देश्य से प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने विगत 16 अप्रेल 2010 को ग्राम कर्री में नदी का पुनर्जीवन योजना का शुभारंभ किया था। सरकार ने क्षेत्र के 34 गांव के 19 हजार 200 परिवारों को लाभांवित करने की योजना तैयार की थी परंतु योजना का तरीकाबद्ध क्रियान्वयन न होने से योजना फिस्स हो गई। 22 करोड 11 लाख रुपए खर्च होने के बाद भी श्यामरी नदी जस की तस है नदी को पुनर्जीवन नहीं मिल सका। योजना पर स्वीकृत रकम हजम हो गई और 12 वर्ष बाद नदी को पुनर्जीवन नहीं मिल सका।
फैक्ट फाइल
योजना- काठन सिंचाई परियोजना
आधार शिला- वर्ष 2020
लागत- 394 करोड
लाभांवित गांव- 74
तहसील- बडामलहरा, घुवारा
डूब क्षेत्र- 5 गांव
निर्माण एजेंसी- जल संसाधन
कार्य पूर्णत: अवधि- 18 माह
प्रगति- शून्य

Related Articles

Back to top button