यश भारत की खबर का असर: 104 करोड़ की सूखी हुई धान की होगी जांच
खबर पर लगी मुहर,22-23 में जबलपुर की गोदाम में सूख गई है 516000 क्विंटल धान, वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन सवालों के घेरे में
वर्ष 21- 22 में भी 68 करोड़ की धान सूखने की होगी जांच
जबलपुर यश भारत। जिले की मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन की गोदामो में 104 करोड रुपए की धान सूखने का मामला यश भारत द्वारा प्रकाशित किया गया था। जिसमें बताया गया था कि जिले में भंडारित की गई कुल धान में से लगभग 11% ध्यान सूख गई है, जो की पूरी तरह से निर्धारित माप डंडों के विपरीत है। इस पूरे मामले में विपणन संघ द्वारा भी मुहर लगा दी गई है । इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा एक पांच सदस्यो का जांच दल बनाया गया है, जो इस पूरे मामले की जांच करेगा और विपणन संघ को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
2 सालों की होगी जांच
यश भारत को मिली जानकारी के अनुसार जो 5 सदस्यो जांच दल बनाया गया है, उसे वर्ष 21- 22 और वित्तीय वर्ष 22- 23 की जांच का जिम्मा सोपा गया है। एक ओर जहां 21-22 में 7.8 प्रतिशत घाटी आई थी वही वर्ष 22-23 में 11.46% की घाटी आई हुई है,जो की मान्य 2% की घाटी से कहीं अधिक है। जिसको लेकर जांच की जाएगी कि आखिर इतनी घाटी कैसे गई,और इसके लिए जिम्मेदार कौन है। एक ओर जहां 22-23 में 5 लाख 16 हजार क्विंटल की धान का हिसाब नहीं मिल रहा है वही 21-22 की भी 3 लाख 38 हजार क्विंटल धान का हिसाब नहीं मिल रहा है। ऐसे में यदि दोनों को जोड़ दिया जाए तो यह राशि लगभग 170 करोड रुपए हो जाती है।
यह है जांच दाल में शामिल
योगेश जोशी महाप्रबंधक मार्केटिंग फेडरेशन
विवेक तिवारी मंडल प्रबंधक मार्केटिंग फेडरेशन
क्षेत्रीय प्रबंधक मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन
कलेक्टर प्रतिनिधि जबलपुर
सुनील हड़ाऊ उप प्रबंधक वित्त
राइस मिलरों को जारी हुआ नोटिस
जबलपुर यश भारत। गुरुवार को यश भारत द्वारा समाचार प्रकाशित किया गया था कि जिले के राइस मिलर भारतीय खाद्य निगम यानी फूड कॉरपोरेशन आफ इंडिया में चावल जमा करने में आनाकानी कर रहे है। जिसको लेकर विपणन संघ द्वारा कार्रवाई करते हुए जिले के उन सभी राइस मिलों को नोटिस जारी किया है जो एफसीआई में निश्चित अनुपात में चावल जमा करने में आना-कानी कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक मिलिंग का 26% भारतीय खाद्य निगम में जमा होना है और शेष 74% नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा होना है। नागरिक आपूर्ति निगम में तो तेजी के साथ चावल जमा कर दिया गया है ,लेकिन फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया में जमा करने में आना-कानी की जा रही है । जिस के चलते हुए विभाग द्वारा चेतावनी दी गई है कि यदि राइस मिलर जल्द से जल्द अपना अनुपात पूरा नहीं करते हैं तो उन्हें आर्थिक दंड तो लगाया ही जाएगा साथ ही साथ प्रोत्साहन राशि की कटौती कर ली जाएगी।