अमेरिका की एक 64 साल की महिला अपनी जिंदगी खत्म करने के लिए सुसाइड पॉड का इस्तेमाल करने वाली पहली इंसान बन गई है। हालांकि उसकी मौत बाद अब स्विट्जरलैंड में कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। बीते सोमवार दोपहर को स्विस-जर्मन सीमा के पास सुसाइड वाली 3डी-प्रिंटेड मशीन में महिला ने दम तोड़ दिया। इस मशीन को इच्छामृत्यु का टेस्ला भी कहा जाता है। अंतिम सांस लेने से पहले इस खतरनाक मशीन ने एक डरावना मैसेज दिया गया था। मशीन ने कहा, “यदि आप मरना चाहते हैं तो यह बटन दबाएं।” स्विटजरलैंड उन कुछ देशों में से एक है जहां विदेशी लोग कानूनी तौर पर आत्महत्या के लिए सहायता प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री एलिजाबेथ बॉम-श्नाइडर ने कहा है कि महीन वैध नहीं है। उन्होंने कहा, “यह मशीन सुरक्षा कानून की मांगों को पूरा नहीं करता है और इसलिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।”
स्थानीय पुलिस ने कहा है कि यह घटना कथित तौर पर एक जंगल के पास हुई थी। उत्तरी स्विटजरलैंड में पुलिस ने मंगलवार को बताया कि मौत के सिलसिले में कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों पर कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने और सहायक होने के आरोप में जांच चल रही है। आउटलेट ने मंगलवार को कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में डच अखबार का एक फोटोग्राफर भी शामिल है। फोटोग्राफर को आत्महत्या करने वाले पॉड के इस्तेमाल की तस्वीरें लेनी थीं।
ऐसे काम करती है मशीन
स्विस अधिकारियों ने कहा कि इस सुसाइड पॉड को अभी तक उपयोग के लिए मंजूरी नहीं दी गई है। विवादास्पद मशीन के चैंबर में नाइट्रोजन भर जाता है जिससे उपयोगकर्ता के ऑक्सीजन का स्तर खतरनाक लेवल तक गिर जाता है। पॉड के अंदर मौजूद व्यक्ति इसके सक्रिय होने के बाद बेहोश हो सकता है और लगभग 10 मिनट के अंदर मर सकता है। पॉड को अंदर से ही कंट्रोल किया जाता है और इसमें एक आपातकालीन एक्जिट बटन होता है।
‘आसान मौत के लिए बनाया गया’
एग्जिट इंटरनेशनल के स्विस सहयोगी द लास्ट रिज़ॉर्ट के सह-अध्यक्ष फ्लोरियन विलेट महिला की मौत के इकलौते गवाह थे। उन्होंने इस मौत को शांतिपूर्ण, तेज़ और आसान बताया है। एग्जिट इंटरनेशनल के निदेशक डॉ. फिलिप नित्शेके ने मंगलवार को कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि सरको ने ठीक वैसा ही प्रदर्शन किया जैसा इसे डिज़ाइन किया गया था। नित्शेके ने पहले कहा था कि स्विट्जरलैंड के वकीलों ने सलाह दी थी कि इस उपकरण को देश में वैध माना जाएगा।