
लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किए तीन बिल,
पीएम, सीएम, मंत्री मामले में विपक्ष का जबरदस्त हंगामा

नई दिल्ली. संसद के मानसून सत्र का बुधवार को 20वां दिन है. मानसून सत्र के समाप्त होने में अब सिर्फ दो दिन बचे हैं. ऐसे में सरकार बुधवार को लोकसभा में तीन अहम विधेयकों को पेश किया, उनमें प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री के गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए जाने पर पद से हटाने वाला विधेयक भी शामिल है. इस विधेयक के खिलाफ संसद में जोरदार हंगामा हुआ.
ओवैसी ने भी किया तीनों बिलों का विरोध
केंंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में पेश किए गए तीनों बिलों का असदुद्दीन ओवैसी ने भी विरोध किया. इसके साथ ही सदन में विपक्षी सांसदों ने जबरदस्त विरोध किया. एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में कहा, मैं जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025 और संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक 2025 को पेश किए जाने का विरोध करता हूं. यह शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन करता है और सरकार चुनने के अधिकार को कमजोर करता है.
उन्होंने कहा कि, यह कार्यकारी एजेंसियों को तुच्छ आरोपों और संदेह के आधार पर न्यायाधीश और जल्लाद बनने की खुली छूट देता है. यह सरकार पुलिस राज्य बनाने पर तुली हुई है. यह निर्वाचित सरकार के लिए मौत की कील होगी. इस देश को पुलिस राज्य में बदलने के लिए भारत के संविधान में संशोधन किया जा रहा है.
क्या बोले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी
इस बिल को लेकर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में कहा कि, भारत का संविधान का मूल ढांचा कहता है कि कानून का राज होना चाहिए. कानून के राज की बुनियाद है कि आप बेगुनाह हैं, जब तक आपका गुनाह साबित नहीं होता, आप बेगुनाह हैं.







