हैंडपंप उगल रहे हवा, कुंओं में सूखा पानी
हैंडपंप उगल रहे हवा, कुंओं में सूखा पानी

हैंडपंप उगल रहे हवा, कुंओं में सूखा पानी
सिहोरा, यशभारत। अंचल की जीवनदायिनी हिरन नदी रेगिस्तान में तब्दील हो गई है। हालत ये है हिरन नदी में एक बूंद पानी कहीं नहीं बचा है, जिसके कारण सिहोरा-खितौला से सटे करीब दो दर्जन से अधिक गांवों में अप्रैल माह के दूसरे पखवाडे में ही भीषण जलसंकट का सामना ग्रामीणों को करना पड रहा है। हैंडपंप हवा उगल रहे हैं, वहीं कुंए पूरी तरह सूख गए हैंै
दूर-दराज गांवों से ढोकर लाना पड रहा पानी
हिरन नदी के तट पर बसे गांव के हैंड पंप बंद हो जाने से पानी का संकट बुरी तरह गहराता जा रहा है लोग दूर दराज के क्षेत्र से पानी लाने को विवश हंै। कम बारिश और नीचे जाता जलस्तर ग्रामीण क्षेत्रों से लगे लगभग दो दर्जन गांवों वा सिहोरा, खितौला के हजारों आबादी को जलसंकट परेशान कर रहा है। प्रशासन लोगों के घरों तक नर्मदा जल पहुंचाने के लिए जोरों से दंभ भरता है, लेकिन वर्तमान में हिरन नदी जल विहीन हो जाने से जहां गांवों में जल संकट को लेकर हाहाकार मचा है।
हिरन नदी को सूखे लगभग एक पखवाड़े से अधिक का समय व्यतीत हो गया है, किन्तु संबंधित विभाग वा प्रशासनिक अधिकारी हाथ पर हाथ रखे बैठ कर मूकदर्शक बने हुए हैं। पिछले वर्ष बनी थी ऐसी ही स्थिति गत वर्ष मई माह में पड़ी भीषण गर्मी के चलते हिरन नदी पूरी तरह सूख गई थी। जिससे आसपास के ग्रामों में पीने के पानी के लिए हाहाकार मच गया था। गत वर्ष मई माह के प्रथम सप्ताह में बरगी दायीं तट नहर से पानी हिरन में छोड़ा गया था, किंतु लगभग एक पखवाड़े से अधिक समय से अप्रेल माह के मध्य में ही हिरन नदी सूख गई हैं । हिरन नदी में नहर का पानी नही आने से हिरन नदी के कई स्थानों पर रेगिस्तान की शक्ल में नजर आ रहे हैं।
इन ग्रामों में हैंडपंप बंद
एक पखवाड़े से अधिक समय से समस्या जटिलता की ओर बढ़ गई है।हिरन नदी के किनारे व आसपास के ग्रामों में गांधीग्राम से कूड़ा कंजई मार्ग के तपा, खुड़ावल, कैलवास,उमरिया, खिन्नी, कैथरा,चन्नौटा, मल्हना,कूड़ा, कंजई, घाटसिमरिया, मोहतरा,ताला,देवरी,शहजपुरा के जलस्रोत हैंडपंप बंद हो रहे हैं लोग खेतों में बने बोरों से पानी ला रहे हैं।पानी का जलस्तर क्रमश: कम होता जा रहा है कई ग्रामों में हेण्डपम्प बन्द हो गए