पूर्व वित्त मंत्री तरूण भनोत ने भाजपा सरकार को घेरा: कृषि उपज मंडियों और सहकारी समितियों के चुनाव तत्काल कराने की मांग
पूर्व वित्त मंत्री ने नेता प्रतिपक्ष एवं सभी स्थानीय विधायकों को पत्र लिखकर आगामी विधानसभा सत्र के दौरान लंबित चुनाव को शीघ्र कराने कि की अपील
जबलपुर, यशभारत। भाजपा की किसान विरोधी नीतियों के कारण वैसे ही प्रदेश का किसान सर्वाधिक दुर्दशा का शिकार है। प्रदेश में किसानों को बुवाई के समय न तो समय पर बीज और ना ही सहकारी समितियों के माध्यम से पर्यपात मात्रा मे यूरिया और डीएपी जैसी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध हो पा रही है। सहकारी समितियों में खाद-बीज उपलब्ध न होने के कारण मजबूरी में किसानों को महंगे दामों पर निजी संचालकों से खरीदना पड़ रहा है,
जिसके कारण किसानों को कृषि कार्य में लागत बढ़ती जा रही है किन्तु फसल के कटने के बाद भी प्रदेश के किसानों को अपनी उपज की सही कीमत और बारदानों के लिए कृषि उपज मंडियों के चक्कर काटने पड़ रहे है। उक्त आरोप पूर्व वित्त मंत्री एवं पश्चिम से विधायक तरुण भनोत ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर लगाए हैं।
श्री भनोत ने बताया कि वर्ष 2018 में प्रदेश के कृषि उपज मंडियों एवं सहकारी समितियों का निर्वाचन कार्यकाल खत्म हो गया है और तभी से इन विभागों मे शासन द्वारा प्रशासकों की नियुक्ति कर दी गई हैं किन्तु उक्त संस्थाओं के निर्वाचन कार्यकाल को समाप्त हुए साढ़े चार वर्षों बाद भी प्रदेश के कृषि उपज मंडियों और सहकारी समितियों का चुनाव नही कराया गया जो भाजपा सरकार की किसानों के प्रति लापरवाही और संवेदनहीनता को दर्शाती है ।
कृषि उपज मंडियों और सहकारी समितियों का इतने लमबी व्यक्त से चुनाव न होने के कारण प्रदेश मे किसानों का प्रतिनिधित्व लगातार कमजोर होता जा रहा है और महंगे दामों पर खाद-बीज खरीद कर कृषि कार्यों के कारण कृषि-लागत मे लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है, किन्तु शिवराज सरकार द्वारा किसानों के फसल को उचित मूल्य नही दिए जाने के कारण और लगातार किसानों की हो रही उपेक्षा से प्रदेश के लाखों अन्नदाता दुर्दशा का शिकार है । प्रदेश की भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए श्री भनोत ने कहा कि भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण प्रदेश के किसानों का कृषि-कार्यों से लगातार मोह-भंग होता जा रहा है, खासकर प्रदेश के सीमांत किसानों की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है।