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पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने भाजपा का थामा दामन, चुनाव से पहले झारखंड में कैसे मजबूत हुआ भगवा दल?

रांची, एजेंसी। झारखंड में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारी तेज कर दी। इस बीच झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व जेएमएम नेता चंपई सोरेन ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। मुख्यमंत्री पद से हटाने की वजह से चंपई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ दिया।केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की मौजूदगी में पूर्व सीएम चंपई सोरेन भाजपा में शामिल हुए। आपको बता दें कि इससे पहले चंपई सोरेन ने अलग पार्टी बनाने का ऐलान किया था। जेएमएम में शिबू सोरेन के बाद चंपई सोरेन सबसे सीनियर आदिवासी लीडर थे। उनका कद इतना बड़ा था कि हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन को सीएम बना दिया गया था। उनका निर्वाचन क्षेत्र सरायकेला है और उन्हें कोल्हान का टाइगर भी कहा जाता है। ऐसे में चंपई सोरेन के आने से कोल्हान की 14 सीटों पर भाजपा को मजबूती मिलेगी, जहां पिछली बार पार्टी का खाता नहीं खुला था।
क्यों नाराज हुए चंपई सोरेन?
गौरतलब है कि पिछले दिनों चंपई सोरेन ने जेएमएम से बगावत कर दी थी। उन्होंने अपने एक्स के बायो से जेएमएम का नाम हटा दिया था। उन्होंने पार्टी और सीएम हेमंत सोरेन पर अपमान का आरोप लगाया। सीएम पद से हटाने को लेकर वे नाराज थे। पार्टी से नाता तोडऩे से पहले ही चंपई सोरेन ने कहा था कि उनके पास तीन विकल्प हैं- पहला, राजनीति से संन्यास लेना, दूसरा, अपना अलग संगठन खड़ा करना और तीसरा, इस राह में अगर कोई साथी मिले तो उसके साथ आगे का सफर तय करना। इसी के तहत चंपई सोरेन ने तीसरे विकल्प को अपनाते हुए भाजपा का दामन थाम लिया।

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