जगह-जगह भंडारे शहर में चहुंओर मां नर्मदा का जयघोष माँ नर्मदा जन्मोत्सव पर उमड़ा श्रद्धा व आस्था का सैलाब
जबलपुर । जीवनदायिनी पुण्य सलिला मां नर्मदा जन्मोत्सव यहां हर्षोल्लास और आस्था व श्रृद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मां रेवा के पावन तट ग्वारीघाट में श्रृद्धा और आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। तड़के चार बजे से माँ नर्मदा के दर्शन और पूजन-अर्चन करने वालों की भीड़ का पहुंचना शुरू हो गया है। ज्यों-ज्यों दिन चढ़ता गया त्यों-त्यों भीड़ बढ़ती गई। नर्मदा जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर शहर के विभिन्न स्थानों पर स्थापित की गई माँ नर्मदा की प्रतिमाओं के जुलूस पहुंचना भी प्रारंभ हो गया था। कलेक्टर एसपी व निगमायुक्त लगातार भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे।
नर्मदा तट पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठान और भंडारे के आयोजन किये गये। शहरी जनता के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे थे। शाम को महा आरती के बाद माँ नर्मदा का नीर (पानी) असंख्य दीपों की ज्योति से जगमगा उठा था। नर्मदा तट पर ‘त्वदीय पाद पंकजम् नमामि देवि नर्मदे’ और नर्मदे हर-हर के स्वर गूंज रहे थे। विगत कुछ वर्षों से नर्मदा प्रकटोत्सव के स्वरूप में काफी विस्तार हुआ है। जिससे आयोजन की भव्यता भी बढ़ी है। नर्मदा जन्मोत्सव की भीड़ और उत्साह का आलम जबलपुर के पुराने बस स्टेण्ड से ही नजर आने लगा था। तमाम मिनी बस ऑटो रिक्शा और लोगों के निजी दुपहिया वाहन नर्मदा रोड की ओर दौड़ रहे थे। रामपुर चौराहे से भी़ड़भाड़ का नजारा दिखने लगा था। यहीं से भोजन भंडारों के पंडाल भी प्रारंभ हो गये थे। हर चार कदम पर भोजन भंडारे चल रहे थे। श्रृद्धालुओं को भंडारों में हर प्रकार का भोजन नाश्ता और चाय निःशुल्क वितरित की जा रही थी।
दो किलोमीटर पहले से पैदल चले लोग….
नर्मदा जन्मोत्सव पर यातायात के व्यापक प्रबंध किये गये थे। पिछले कड़वे अनुभवों को ध्यान में रखकर नगर निगम ने जहां अतिक्रमणों का सफाया कर दिया था वहीं विगत वर्षों के मुकाबले मार्ग भी चौड़े हो चुके थे। खंदारी पुल का चौड़ीकरण भी यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने में सहायक रहा। वहीं उमाघाट से सिद्धघाट वाले मार्ग को यातायात के लिये सुगम बना दिये जाने से जाम की स्थिति नहीं बनी। एक तरफ से वाहन आये और दूसरी तरफ से निकल गये। वहीं निजी टैक्सियों ऑटो और मिनी बसों को सुखसागर वैली से आगे नहीं जाने दिया गया। दुपहिया वाहनों को भी सुबह के वक्त ग्वारीघाट बस स्टेण्ड पर कराई गयी यहां स्थिति फुल हो जाने के बाद श्री सिद्ध गणेश मंदिर परिसर और आयुर्वेद कॉलेज परिसर में दुपहिया वाहनों की पार्विंâग कराई गई। चौपाया वाहन रेतनाके के पास ही रोक दिये गये। शाम को वाहनों की पार्विंâग की स्थिति बिग बाजार तक आ पहुंची और लोगों को कम से कम तीन किलोमीटर पैदल चलकर नर्मदा पहुंचना पड़ा।
भंडारे के आयोजनों ने व्यापार प्रभावित किया….
नर्मदा जयंती के पावन अवसर पर न केवल नर्मदा घाटों से दूर भंडारे के आयोजन किये गये बल्कि यूं कहें कि पूरे नर्मदा रोड पर भंडारों का आयोजन धूमधाम से चलता रहा। भंडारों में पूड़ी सब्जी हलवा के अलावा पोहा जलेबी समोसा साबूदाने की खिचड़ी चाय-कॉफी सब कुछ निःशुल्क वितरित किया जा रहा था। नर्मदा के घाटों पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने स्नान दान किया और भंडारों के लगे पंडालों की पंगत में बैठकर भोजन प्रसाद ग्रहण किया। भंडारों की भरमार से नर्मदा पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को चाय-नाश्ते और भोजन के लिये होटलों व ढाबों में जाने की जरूरत नहीं पड़ी। भंडारों से यहां ग्वारीघाट के तटों पर चाय-नाश्ते वालों का व्यापार निश्चित तौर पर प्रभावित हुआ।
अवैध स्टेण्ड वालों ने की जमकर वसूली…..
पुलिस ने वाहनों को रोकने के लिये कई स्थान पर बैरिकेटिंग कर रखी थी। अवधपुरी कालोनी के सामने श्री सिद्ध गणेश मंदिर के सामने झण्डा चौक के पास बैरिकेट्स लगाये गये थे। वहीं स्थानीय लोगों ने अवधपुरी कालोनी से गीताधाम की ओर जाने वाले मार्ग पर झण्डा चौक के आगे जिलहरीघाट मार्ग पर रेतनाके के पास स्टेण्ड खोल रखे थे। जहां वाहन खड़े करने के लिये जोर जबर्दस्ती की गई और मनमाना पैसा वसूला गया। दुपहिया वाहनों से १० रूपये और चौपहिया वाहनों से २०-२० रूपये वसूले गये।
कलेक्टर एसपी निगमायुक्त ने लिया जायजा………
नर्मदा जन्मोत्सव पर की गई व्यवस्थाओं का जिला कलेक्टर सौरभ सुमन पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा नगर निगम आयुक्त आशीष वशिष्ट ने नर्मदा तटों पर पहुंचकर साफ-सफाई व घाटों को व्यवस्थित कराने के निेर्देश दिये और सुरक्षा की दृष्टि से सभी को सजग रहने के निर्देश दिये।
घाट से चौराहे तक पुलिस बल तैनात…………..
पुलिस-प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए. नर्मदा जन्मोत्सव पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए तीन पालियों में लगातार ड्यूटी करने हेतु १५ सौ का बल लगाया गया है। २०० जवान अतिरिक्त लगाए गए हैं। एएसपी संजय अग्रवाल एएसपी गोपाल खांडेल एवं प्रदीप शेंडे लगातार व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग करते रहे इसके साथ ही अायोजन एवं भंडारा स्थलों पर तथा ट्रैफिक व्यवस्था के लिए यातायात पुलिस का संपूर्ण बल के साथ लाइन के १०० जवान एवं ३ कंपनी अतिरिक्त लगाई गई थी।