सीहोर में दूधी नदी का कहर: दर्जनों गाँवों का रास्ता बंद
भाजपा नेता को घेरकर ग्रामीणों ने दिखाई पीड़ा; पुल निर्माण की मांग

सीहोर में दूधी नदी का कहर: दर्जनों गाँवों का रास्ता बंद
भाजपा नेता को घेरकर ग्रामीणों ने दिखाई पीड़ा; पुल निर्माण की मांग
भोपाल,यशभारत। सीहोर जिले के तहसील जावर के दर्जनों गांवों के लिए बरसात में दूधी नदी बड़ी मुसीबत बन जाती है। खेजड़ाखेड़ा, अतरालिया, बादा गुराड़िया समेत आसपास के गाँवों का संपर्क बारिश में पूरी तरह टूट जाता है, जिससे ग्रामीणों का जनजीवन ठप हो गया है। खेत तक जाना, स्कूली बच्चों का स्कूल पहुँचना और ज़रूरत पड़ने पर बीमारों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाना हर बार एक जानलेवा चुनौती बन जाता है।
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भाजपा नेता को रोका, समस्या दिखाई
बीते दिनों भाजपा झुग्गी-झोपड़ी प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यालय प्रभारी डॉ. राजकुमार मालवीय एक स्थानीय कार्यक्रम में पहुंचे थे। कार्यक्रम समाप्त होते ही ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और साफ़ कहा कि “भाईसाहब, पहले हमारी समस्या देखिए, फिर बाकी बात कीजिए।” आक्रोशित ग्रामीण डॉ. मालवीय को सीधे दूधी नदी के किनारे ले गए और दिखाया कि कैसे नदी का बहाव उनका रास्ता रोक देता है।
ग्रामीणों ने बताया कि हर साल स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है। पुल के अभाव में ट्रैक्टर और अन्य वाहन नहीं निकल पाते, जिससे गंभीर बीमारों को समय पर अस्पताल नहीं पहुँचाया जा सकता। ग्रामीणों का आरोप है कि पुल न होने के कारण अब तक कई जानें जा चुकी हैं, लेकिन निर्माण को लेकर कोई ठोस पहल नहीं हुई है।

”अब यह जनजीवन की सुरक्षा का विषय”: डॉ. मालवीय
मौके पर स्थिति का जायज़ा लेने के बाद डॉ. मालवीय ने इसे ‘विकास का नहीं, बल्कि जनजीवन की सुरक्षा का विषय’ बताया। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि इस मामले को शासन स्तर पर गंभीरता से उठाया जाएगा। डॉ. मालवीय ने कहा कि दूधी नदी पर पुल निर्माण को अब प्राथमिकता में लिया जाएगा। वे संबंधित विभागों से समन्वय कर प्रस्ताव को आगे बढ़ाएंगे और ग्रामीणों की इस आवाज़ को मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुँचाएंगे। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “अब सिर्फ सुनना काफी नहीं, समाधान ज़रूरी है। यह पुल अब सिर्फ एक निर्माण नहीं, ग्रामीणों की ज़रूरत और हक़ है।”
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