भोपालमध्य प्रदेश

डॉ. अरुणा कुमार को 24 घंटे में हटाया:GMC में जूडा की हड़ताल के बाद वापस मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टरेट भेजा

Dr. Aruna Kumar removed within 24 hours: Sent back to Medical Education Directorate after JUDA strike in GMC

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट में एक दिन पहले पदस्थ की गईं डॉ. अरुणा कुमार को 24 घंटे में ही हटा दिया गया। उनको वापस मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टरेट भेजा गया है। डॉ. अरुणा की GMC में पोस्टिंग से नाराज हड़ताल कर रहे 75 जूनियर डॉक्टर शुक्रवार को ड्यूटी पर लौट आए। इनके समर्थन में अन्य विभाग के जूडा ने भी काली पट्टी बांधकर काम किया।

दरअसल, डॉ. अरुणा को जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती सुसाइड केस में एचओडी और प्रोफेसर पद से हटा दिया गया था। डॉ. बाला के परिजन ने उन पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। कुछ सीनियर डॉक्टर ने भी चिट्‌ठी लिखकर सीएम से उनकी शिकायत की थी। डॉ. अरुणा कुमार को बुधवार को गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट में प्रोफेसर के रूप में पोस्टिंग दी गई थी।

जूडा ने आज दोपहर दो बजे तक डॉ. अरुणा कुमार की पोस्टिंग के आदेश निरस्त करने का अल्टीमेटम दिया था। कॉलेज के अलग-अलग 28 डिपार्टमेंट में 450 जूनियर डॉक्टर हैं।

जूडा ने काली पट्टी बांधकर किया था काम
जूडा ने गुरुवार को काली पट्‌टी बांधकर विरोध जताया था। जूडा प्रवक्ता कुलदीप गुप्ता ने बताया कि हमने डॉ. अरुणा को हटाने के लिए डीन के अलावा अन्य हायर अथॉरिटी को पत्र लिखा था। दरअसल, वे गायनिक ब्रांच की एचओडी रहीं डॉ. अरुणा कुमार को फिर से प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में पोस्टिंग से नाराज हैं। डॉ. अरुणा को जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती सुसाइड केस के बाद 5 अगस्त को हटाया गया था। बाला सरस्वती (27) ने 31 जुलाई को खुदकुशी कर ली थी। वे 14 हफ्ते की गर्भवती थीं।

डॉ. अरुणा कुमार के टॉर्चर की हद का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उनके साथ काम करने वाली 8 सीनियर डॉक्टर भी उनको हटाने की मांग मुख्यमंत्री, MPTA और चिकित्सा शिक्षा विभाग से कर चुकी हैं। इसके अलावा, तीन स्टूडेंट अपनी डिग्री भी छोड़ चुकी हैं।

डॉक्टर अरुणा कुमार पर इस तरह के आरोप लगाए (05-08-2023 के अनुसार)

सीनियर डॉक्टर ने शिकायत में इस तरह के लगाए आरोप
हमीदिया की महिला एवं प्रसूति विभाग में काम करने वाली सीनियर डॉक्टर्स ने लिखा- पूर्व में विभागाध्यक्ष डॉ. अरुणा कुमार के बारे में हकीकत बताना चाहते हैं। मानसिक रूप से इस महिला द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। वह एक डबल पर्सनालिटी की महिला है। उनकी कार्यप्रणाली अत्यधिक तानाशाही पूर्ण विध्वंसकारी व बदला लेने की प्रवृत्ति से परिपूर्ण है। वह खौफ बनाकर सीनियर व जूनियर से निगेटिव तरीकों से एक्जीक्यूट करवाती रही हैं। जब भी विभाग में कोई विपदा आती है, तो पद व पावर का दुरुपयोग कर किसी न किसी को (संकाय सदस्य) सॉफ्ट टारगेट बनाकर बलि चढ़वा देती हैं। अपने विभाग की उपलब्धियों का क्रेडिट स्वयं लेकर हायर अथॉरिटी को प्रस्तुत कर फेवर में कर लेती हैं। अधीनस्थ बाकी फैकल्टी को मैसेज जाता है कि अगर इनके इच्छानुसार कठपुतली न बने तो उस फैकल्टी का करियर खराब कर दिया जाएगा।

पहले भी कई संकाय सदस्य छोड़ चुके हैं नौकरी
सीनियर डॉक्टर ने शिकायत में आगे लिखा है- इज्जत बचाने के लिए 2005 से इनके कार्यकाल के दौरान संकाय सदस्यों ने नौकरी छोड़ी है। रिक्त पदों पर कोई भी डॉक्टर इस विभाग में नहीं आना चाहता। उनके द्वारा लगभग सभी की सीआर खराब की गई है, जिसकी शिकायत पूर्व में भी कई बार की गई पर इनकी विध्वंसकारी प्रवृत्ति के कारण अधिकारियों द्वारा भी इसको इग्नोर किया गया है। इसी प्रवृत्ति के कारण उच्च अधिकारी भी मौन धारण किए हैं।

मानसिक रूप से करती हैं प्रताड़ित
शिकायत में लिखा- डॉ. अरुणा कुमार द्वारा हम सबको मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता रहा है। व्यक्तिगत कमेंट किए जाते हैं एवं अभद्र व्यवहार पर उतर आती हैं। उनकी इस प्रताड़ना के कारण हम सभी फैकल्टी की निजी एवं पारिवारिक जिंदगी पर भी बुरा असर पड़ रहा है। तानाशाही के चलते वह विभाग एवं सरकार के संसाधनों को सिर्फ अपने लिए उपयोग करती हैं। इसके चलते डिग्री प्रभावित हो रही है।

डॉक्टर सुसाइड केस- एनेस्थीसिया का ओवरडोज लिया, 14 हफ्ते की प्रेग्नेंट थीं
भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) की जूनियर डॉक्टर ने सुसाइड कर लिया। उन्होंने रविवार देर रात इंजेक्शन के जरिए बेहोशी की दवा का ओवरडोज लेकर आत्महत्या की। 27 साल की बाला सरस्वती मूल रूप से आंध्रप्रदेश की रहने वाली थीं। GMC से गायनेकोलॉजी ( स्त्री एवं प्रसूति रोग) में पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) कर रही थीं। पढ़ाई लगभग पूरी होने वाली थी। 6 महीने पहले ही वे कोहेफिजा स्थित कहकशा अपाटर्मेंट के जी-2/2 फ्लैट में शिफ्ट हुई थीं। पति जयवर्धन चौधरी भी साथ रहते हैं। सुबह 6 बजे जयवर्धन उठे तो सरस्वती अचेत पड़ी थीं। उन्होंने शोर मचाकर पड़ोसियों को बुलाया। इसके बाद हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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