दीपावली मनाए जाने को लेकर पिछले दिनों इंदौर के विद्वानों के द्वारा 1 नवंबर का मुहूर्त दीपावली के संदर्भ में दिया गया था लेकिन यशभारत जबलपुर के ज्योतिष आचार्य पंडित लोकेश व्यास ने 1 वर्ष स्पष्ट शब्दों में बताया था कि धर्मशास्त्र के अनुसार दीपावली गुरुवार 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी और जैसे-जैसे समय आगे बढ़ेगा देश के विद्वान निश्चित रूप से ज्योतिष आचार्य पंडित लोकेश व्यास के समर्थन में या जिन पंचांगों में 31 अक्टूबर दीपावली मनाए जाने के संदर्भ मुहूर्त है इस सहमत नजर आएंगे । धर्मशास्त्र के अनुसार लक्ष्मी कुबेर पूजन दीपावली का शुभ मुहूर्त कार्तिक कृष्ण अमावस्या को सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में पूजन आवाहन करने का विधान है दीपावली का कर्म काल सदैव रात्रि में होता है इस वर्ष गुरुवार 31 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 57 से अमावस्या का प्रारंभ हो रहा है जो दूसरे दिन शुक्रवार 1 नवंबर को शाम को सूर्यास्त पूर्व 4 बजकर 58 तक है दीपावली प्रदोष काल और निशित काल में मिलने से ज्योतिष के सभी प्रमुख धर्म ग्रंथो निर्णय सिंधु धर्म सिंधु आदि ग्रंथों के अनुसार श्री लक्ष्मी कुबेर सरस्वती महाकाली का पूजन 31 अक्टूबर को ही संपन्न होगा महाकाली का पूजन अमावस्या की अर्धरात्रि में होता है दीपावली अमावस्या की अर्धरात्रि में मंत्र तंत्र आदि की सिद्धि मन्त्रों का पुनश्चक्रण केवल अमावस्या की विशेष मुहूर्त में ही होता है जो की 31 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रहा है आधुनिक युग के इंटरनेट में दीपावली का पर्व शुक्रवार 1 नवंबर को बताया जा रहा है उसको देखकर कुछ ज्योतिष विद एक नंबर को दीपावली पर्व का प्रचार कर रहे हैं जबकि य़ह धर्मशास्त्र के मत से अशुद्ध है लक्ष्मी जी का पूजन प्रतिदिन कर सकते हैं परंतु विशेष पूजन केवल मुहूर्त के अनुसार विशेष लग्न में ही होता है जो केवल गुरुवार 31 अक्टूबर को ही प्राप्त है हर पर्व में कर्म काल की प्रधानता है और दीपावली के कर्म काल में प्रदोष काल और रात्रि की प्रधानता है जो केवल 31 अक्टूबर को ही प्राप्त है ।
शुक्रवार 1 नवंबर को दीपावली क्यों नहीं
शुक्रवार 1 नवंबर कार्तिक कृष्ण अमावस्या शाम 4: बजकर 58 पर सूर्यास्त पूर्व समाप्त हो जाती है इस दिन सूर्यास्त 5:बजकर 35 पर है और सूर्यास्त के पक्ष प्रतिपदा तिथि लग जाती है प्रतिपदा तिथि में दीपावली का पर वर्जित है इसीलिए रात्रि में दीपावली का पूजन हो ही नहीं सकता ज्योतिष शास्त्र लिखा है कि – न नंदा होलिका दाहो न नंदा दीप मालिका-दीपावली का विशेष पूजन वृषभ और सिंह लग्न तथा निशित काल में होता है जो शुक्रवार 1 नवंबर को उपलब्ध नहीं है यह केवल गुरुवार 31 अक्टूबर को प्राप्त है इसलिए दीपावली 31 अक्तूबर शास्त्र सम्मत है
कंपनी दुकान फर्म कल कारखानों में जहां दिन में पूजन होता है वहां इस वर्ष पूजन 2.57 के बाद हो सकेगा पूजन का विशेष शुभ मुहूर्त 4.28 दिन से रात्रि 8.29 तक शुभ चौघडय़िा मुहूर्त गोधूलि प्रदोष काल और स्थिर लग्न वृषभ का शुभ मुहूर्त रहेगा रात्रि 7.28 से रात्रि 10.44 तक चर चौघडय़िा और मिथुन लग्न का सामान्य शुभ मुहूर्त रहेगा इसके बाद रात्रि 11.45 से 12.57 तक निशित काल और सिंह लगन का विशेष शुभ मुहूर्त रहेगा