जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य
कबड्डी जबलपुर के खिलाडिय़ों से भेदभाव


जबलपुर, यशभारत। हाल ही में इंदौर में खेली गई अंतर विश्वविद्यालयीन कबड्डी प्रतियोगिता में शामिल हुई रानीदुर्गावती विश्वविद्यायल कबड्डी टीम स्थानीय खिलाडिय़ों को तरजीह नहीं दिए जाने के कारण खिलाडिय़ों में आक्रोश देखा जा रहा है।
अंतर महाविद्यालयीन से लेकर संभागीय प्रतियोगिता तक में कई स्थानीय खिलाडिय़ों ने अपने प्रदर्शन से वाहवाही लूटी थी। फिर भी इन खिलाडिय़ों की विश्वविद्यालय टीम के लिए चयनकर्ताओं द्वारा जिस तरह से अनेदखी की गई उससे खिलाड़ी का मनोबल टूटा है। यहां यह उल्लेखनीय है कि टीम में कई ऐसे खिलाडिय़ों को शामिल किया गया जो दूसरे संभागों से आकर जबलपुर के कालेजों में प्रवेश ले लेते हैं और टीम में शामिल होकर रादुविवि टीम मेंभी शामिल कर लिए जाते हैं। इसके पीछे कारण भी यह होता है कि उन्हें अपने संभागों की टीमों में कड़ी प्रतिद्वंदिता के कारण मौका नहीं मिलता और जबलपुर में आसानी से मौका मिल जाता है। उनके आने से जबलपुर के होनहार खिलाडिय़ों को आगे प्रतिभा दिखाने को मौका नहीं मिल पाता। इसके लिए रादुविवि के शारीरिक शिक्षण विभाग की कार्यशैली को भी जिम्मेदार माना जाता है जो टीम को जिताने किसी भी हद तक चली जाती है। यह अकेले एक खेल की बात नहीं है कई खेलों में चहेतों को उपक्रत कर होनहारों के सपनों को चकनाचूर कर देते हैं। कई पूर्व खिलाडिय़ों ने इस तरह की भर्राशाही रोकने के मांग की है। उनका कहना है कि आरडीवीवी की कबड्डी टीम में जबलपुर का कोई भी खिलाड़ी ना होना अत्यंत शर्मनाक है बाहरी खिलाड़ी को खिलाने के पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए। भविष्य में आने वाले प्रतियोगिता में जबलपुर के खिलाडिय़ों को ही खिलाया जाए। इसी बीच स्थानीय खिलाडिय़ों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। कबड्डी के समस्त पदाधिकारी पूर्व खिलाडिय़ों और वर्तमान खिलाडिय़ों के द्वारा शीघ्र ही रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुल सचिव को एक ज्ञापन सौंपने जा रहे हैं।
जिसमें आगे से रादुविवि की टीम में सिर्फ स्थानीय खिलाडिय़ों को ही मौका दिए जाने की मांग की जाएगी। ताकि इंदौर जैसी शर्मनाक स्थिति न बने।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष की रादुविवि जबलपुर की टीम में अधिकांश खिलाड़ी ऐसे थे जो जबलपुर के बाहर के थे इसमें इंदौर के दो खिलाडिय़ों का डाक्यूमेंट्स कंप्लीट ना होने के कारण टीम को डिसक्वालीफाई कर दिया गया था।