भारत-कनाडा के रिश्तों में आई दरार!: दांव पर लगा 67 हजार करोड़ का कारोबार
नई दिल्ली, एजेंसी। खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निÓजर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच लगातार तनाव बढ़ता ही जा रहा है। भारत ने कनाडा से अपने उ’चायुक्त और लगातार निशाना बनाए जा रहे दूसरे राजनायिकों को बुलाने का ऐलान कर दिया है। इस बीच भारत ने कनाडा के छह राजनायिकों को देश छोडऩे का आदेश दिया है। भारत ने 19 अक्टूबर तक नई दिल्ली छोडऩे का आदेश सुनाया है। आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच ये तकरार और भी बढ़ सकती है।
अगर बात दोनों देशों के बीच के बाइलेटरल ट्रेड की करें तो करीब 67 हजार करोड़ रुपए का है, जो अब दांव पर लग गया है। खास बात तो ये है कि कनाडा के पेंशन फंड्स ने भारत में 6 लाख करोड़ रुपए से Óयादा निवेश किया है। 600 से Óयादा कनाडाई कंपनियां भारत में कारोबार कर रही हैं। अगर एक्सपोर्ट के मोर्चे पर बात करें तो भारत 4 बिलियन डॉलर से Óयादा कनाडा में अपने सामान को एक्सपोर्ट कर रहा है। ऐसे में आर्थिक रूप से कई ऐसे पहलू हैं, जहां पर भारत और कनाडा के बीच की तकरार नुकसान में इजाफा कर सकती हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर कनाडा और भारत के बीच बाइलेटरल ट्रेड किस तरह के हैंज्
भारत और कनाडा के बीच कारोबार
भारत और कनाडा के बीच काफी अ’छे कारोबारी संबंध रहे हैं। कॉन्सुलेट जनरल ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार भारत और कनाडा के बीच साल 202& में कुल 7.96 बिलियन डॉलर का कारोबार देखने को मिला था। जिसमें भारत की ओर से किया गया एक्सपोर्ट 4.08 अरब डॉलर का था। जबकि कनाडा से किया गया इंपोर्ट &.88 अरब डॉलर का देखने को मिला था। खास बात तो ये है कि साल 2022 में ये आंकड़ा 10.50 बिलियन डॉलर का देखने को मिला था। भारत का कनाडा को उस साल का एक्सपोर्ट 6.40 बिलियन डॉलर और इंपोर्ट 4.10 बिलियन डॉलर देखने को मिला था। अगर बात सर्विसेज की करें तो दोनों देशों का 2022 में बाइलेटरल ट्रेड 8.74 बिलियन डॉलर का देखने को मिला था।
कनाडा का भारत में निवेश
कनाडा का भारत में निवेश की बात करें तो वो भी कम नहीं है। मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल के आंकड़ों के अपनुसार कनाडाई पेंशन फंड ने भारत में 75 बिलियन डॉलर से Óयादा का निवेश किया हुआ है। वहीं कई लोग भारत को निवेश के लिए एक अनुकूल गंतव्य के रूप में देख रहे हैं। 600 से अधिक कनाडाई कंपनियों की भारत में उपस्थिति है और 1,000 से अधिक कंपनियां भारतीय बाजार में सक्रिय रूप से कारोबार कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर कनाडा में कई भारतीय कंपनियां आईटी, सॉफ्टवेयर, स्टील, नेचुरल रिसोसेज, बैंकिंग जैसे कई सेक्टर्स में काम कर रही हैं।
क्या होता है एक्सपोर्ट इंपोर्ट
पहले एक्सपोर्ट की करें तो कनाडा को भारत के रत्न, आभूषण और कीमती पत्थर, फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स, रेडीमेड कपड़े, मैकेनिकल अपलायंसेज, ऑर्गेनिक कैमिकल्स, लाइट इंजीनियरिंग सामान, आयरन और स्टील के सामान आदि शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर कनाडा से इंपोर्ट की बात करें तो अखबारी कागज, लकड़ी का गूदा, एस्बेस्टस, पोटाश, आयरन स्क्रैप, तांबा, मिनरल्स और इंडस्ट्रीयल कैमिकल शामिल हैं।
कनाडा में सिख क्यों हैं जरूरी
ट्रूडो के पार्टी सहयोगियों ने उनसे पद छोडऩे की मांग की है, क्योंकि कई राजनीतिक एक्सपर्ट्स यह भविष्यवाणी कर रहे हैं कि लिबरल्स को ब्रिटेन में कंजर्वेटिव्स की तरह ही दुर्दशा का सामना करना पड़ेगा। संसद में दो अविश्वास प्रस्तावों से बचने के बाद ट्रूडो पद पर बने हुए हैं। कनाडा में 7.7 लाख से अधिक सिख हैं, जो चौथा सबसे बड़ा जातीय समुदाय है, जिसमें एक वर्ग खालिस्तान की मांग का समर्थन करता है।