पदों के लिए चुनाव से ज्यादा एक्टिव हैं कांग्रेसी

पदों के लिए चुनाव से ज्यादा एक्टिव हैं कांग्रेसी
यशभारत-राजनैतिक डेस्क
राहुल गांधी के फार्मूले ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इन दिनों इतना एक्टिव कर रखा है, जितने वे लोकसभा या विधानसभा के चुनाव में भी नहीं थे। यह सक्रियता संगठन के पदों के लिए हैं। जिला शहर और ग्रामीण अध्यक्ष चुनने पायलट प्रोजेक्ट के तहत जो प्रकिया अपनाई जा रही है, उसमें फीडबैक, वन टू वन और फॉर्मेट भरने के कई चरणों से दावेदारों को गुजरना पड़ा है। केंद्रीय और प्रदेश स्तर पर नियुक्त पर्यवेक्षक ब्लाकों में जाकर मैदानी सक्रियता परख रहे हैं. ऐसे में अध्यक्ष पद के दावेदार जमकर अपने अपने इलाकों में मशक्कत कर रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को अपने पक्ष में राय देने के लिए तैयार किया जा रहा है। कुल मिलाकर वर्तमान में पदों के लिए जो फील्डिंग चल रही है, वैसी चुनावों में हो जाए तो नतीजे ही कुछ और हों।
पिछले एक सप्ताह में प्रदेश के भोपाल, जबलपुर, कटनी, सतना, नरसिंहपुर, सिवनी, दमोह समेत अनेक शहरों में पर्यवेक्षकों ने पहुंचकर वहां के नेताओं और कार्यकर्ताओं से चर्चा की है। बैठकों
के दौर भी लगातार जारी रहे। संगठन सृजन अभियान एक तरह से कांग्रेसजनों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं। दरअसल कुछ दिन पहले जब राहुल गांधी भोपाल दौरे पर आए थे तब उन्होंने साफ कर दिया था कि इस बार नए लोगों को संगठन में मौका मिलेगा। अध्यक्ष ऐसा होना जो नई लीडरशिप तैयार कर सके। नए अध्यक्षों की भूमिका हर तरह के चुनाव की टिकटों में अहम होगी। इस वजह से इस बार नेता संगठन के पदों के लिए खासी मेहनत कर रहे हैं, ताकि उनका महत्त्व बना रहे। इस सबके बीच देखना यह होगा कि यह सक्रियता जिला और शहर अध्यक्ष के चुनाव तक ही रहती है या फिर आगे भी ऐसी सक्रियता दिखाई देगी।
राजधानी भोपाल में विधायक से लेकर सभी सक्रिय सृजन अभियान की बैठक में शुक्रवार को भोपाल कांग्रेस जिला अध्यक्ष को लेकर रायशुमारी की गई है। जिसमें आधा दर्जन से अधिक नेताओं ने
पूरे प्रदेश में चाहिएद पाने होड़ की
दावेदारी की। इस दौरान आधा दर्जन से अधिक दावेदार पूरी ताकत के साथ अपना-अपना पक्ष मजबूत करने में लगे रहे। इस दौरान विधायक भी अपने समर्थकों के पक्ष में लगे रहे। अहम बात यह है कि रायशुमारी के दौरान केन्द्रीय पर्यवेक्षक यशोमति ठाकुर के सामने दाववेदार अपने साथ समर्थकों की भारी भीड़ के साथ पहुंचे थे। महाकोशल-जबलपुर में
पर्यवेक्षकों के दौरों से सरगर्मी जबलपुर में ग्रामीण अध्यक्ष के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाये गये ज्वालापुर हरिद्वार के विधायक रवि बहादुर सिंह और प्रदेश संगठन के द्वारा पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए पूर्व मंत्री राजेंद्र मिश्रा और ग्रामीण संगठन प्रभारी विधायक रजनीश सिंह दो चरणों में जिले की चारों विधानसभा पाटन पनागर बरगी और सिहोरा में वृहद बैठक आयोजित करने के अलावा नेताओं कार्यकर्ताओं से लेकर रायशुमारी और चर्चा कर चुके हैं। एक दौरान ग्रामीण कांग्रेस से संबंधित पूर्व विधायक से लेकर
पूर्व विधायक प्रत्याशी ब्लॉक अध्यक्ष और आम कार्यकर्ता से वन टू वन चर्चा कर उनकी राय और पक्ष जान चुके हैं। शहर अध्यक्ष के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए गुरुदीप सिह सप्पल गुरुवार से दूसरे चरण में शहर प्रवास पर हैं। उनके साथ प्रदेश संगठन के पर्यवेक्षक अजय सिंह राहुल और विधायक आर के दोगने और पुष्पराज पटेल भी दो दिनों से लगातार विश्रामगृह एक में कांग्रेस जनों से रायशुमारी और वन टू वन चर्चा कर कर शहर अध्यक्ष के लिए उनका पक्ष समझ रहे हैं। पर्यवेक्षकों का ज्यादा फोकस वन टू वन चर्चा पर है। पहले चरण के प्रवास पर श्री सप्पल ने चारों विधानसभा में होने वाली बैठकों को न केवल संबोधित कर लोगों की राय जानी थी बल्कि वरिष्ठ नेताओं का मन भी टटोल था। बनते बिगड़ते समीकरण कमोवेश हर शहर में अब तक की प्रक्रिया में जो बात देखने में आई है उससे कांग्रेस में नए समीकरण बनते और बिगड़ते भी देखे जा रहे हैं। इन समीकरणों में जो नेता
कल तक एक दूसरे को पसंद नहीं करते थे वे ग्रुपों में पर्वेक्षकों के सामने पहुंचकर अपनी बात रख रहे हैं। ऐसे नेताओं में पूर्व विधायक हो या विधायक या फिर लोकसभा सांसद प्रत्याशी या फिर संगठन का कोई और प्रतिनिधि। नगर निगम के पार्षद हों या ब्लॉक के पदाधिकारी और कार्यकर्ता या फिर कांग्रेस के अनुवांशिक संगठनों के लोग सभी ग्रुपों में नजर आये। कोई ग्रुप पूर्व मुख्यमंत्री के फेवर का है तो कोई पूर्व और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष के खेमे से तो कोई देश और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की दम पर अपनी कवायद में लगा है। ऐसी में अब यह देखने का भी दिलचस्प होगा कि अध्यक्ष की चुनाव में अंतिम समय पर किसका प्रभाव कितना काम आता है और कौन कितना दमदार होकर उभरता है। हालांकि यहां पर यह स्पष्ट कर देना भी जरूरी हो जाता है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की पहल पर शुरू किए गए इस
अभियान को लेकर कुछ गाइडलाइन और दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं जिसे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस का जिला और शहर अध्यक्ष सीधे कार्यकर्ताओं की राय से चुना जाएगा और उसे पहले से भी ज्यादा ताकत देकर मजबूत किया जाएगा। और यही कारण है कि दावेदारों में पूर्व विधायक से लेकर पूर्व मंत्री पूर्व के प्रत्याशी और पूर्व में अध्यक्ष रह चुके लोग भी दावेदारी कर रहे हैं। हालाकी पर्यवेक्षकों का भी यही कहना है कि जो गाइडलाइन और निर्देश शीर्ष नेतृत्व द्वारा दिए गए हैं उनका पूरी तरह से और पारदर्शिता के साथ पालन किया जाएगा। युवा नेता युवक कांग्रेस चुनाव को लेकर एक्टिव एक तरफ जहां प्रदेश में संगठन सृजन अभियान की प्रक्रिया चल रही है तो दूसरी तरफ युवक कांग्रेस संगठन के चुनाव की प्रक्रिया जारी है। कांग्रेस की युवा फौज इस समय युवा कांग्रेस की ऑनलाइन हो रहे चुनाव में व्यस्त है जिसके लिए दावेदारी कर रहे युवा नेता और उनके समर्थक अपने-अपने तरीके से युवाओं को जोडने की प्रक्रिया में लगे हैं।







