शताब्दीपुरम में रहवासी मकानों में व्यवसायिक गतिविधियां मामला: दुकानें बन रही थी उस वक्त जेडीए के स्थल यंत्री क्या कर रहे थे
Commercial activities in residential houses in Shatabdipuram Case: जबलपुर, यशभारत। विजय नगर शताब्दीपुरम रहवासी काॅलोनी में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित होने का श्रेय स्थल यंत्री को जाता है। सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब रहवासी क्षेत्र में दुकानें और गोदामें बन रही थी उस समय स्थल यंत्री क्या कर रहे थे। उनके द्वारा क्यों भू-स्वामी को नोटिस देकर निर्माण कार्य को रोका नहीं गया। हालांकि जेडीए सीईओ ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और स्थल यंत्री सहित शताब्दीपुरम काॅलोनी में व्यवसाय की छूट देने वाले अधिकारियों की जमकर क्लास ली है।
Commercial activities in residential houses in Shatabdipuram Case: मालूम हो कि यशभारत ने रहवासी काॅलोनी शताब्दीपुरम में व्यापारिक गतिविधियां संचालित होने की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित कर संभागीय अधिकारी, नगर निगम और जबलपुर विकास प्राधिकरण तक मामले को पहंुचाया। यशभारत की खबरों को गंभीरता से लेते नगर निगम और जेडीए के अधिकारियों ने मामले को जांच में लिया और भू-स्वामियों को नोटिस जारी किए। इस प्रकरण की जांच की गई तो कई अहम खुलासे हुए। शताब्दीपुरम काॅलोनी में मकान-प्लाट लेकर कुछ लोगों ने धन्ना सेठो को बेच दिए साथ ही व्यापार करने की खुली छूट दे दी।
स्थल यंत्री फ्री में पगार लेने के लिए नहीं बनो
सू़ूत्रों का कहना है कि जेडीए सीईओ ने पूरे मामले में सर्वप्रथम दोषी स्थल यंत्री को माना है क्योंकि स्थल यंत्री समय-समय पर शताब्दीपुरम काॅलोनी का निरीक्षण कर जायजा लेते रहते तो इस रहवासी काॅलोनी में कभी भी व्यापारिक गतिविधियां नहीं पनपती। बताया जा रहा है कि सीईओ ने स्थल यंत्री की जमकर क्लास ली है। एक चर्चा ओर जोरों पर है कि स्थल यंत्री ने जब निरीक्षण ही नहीं किया तो क्या वह फ्री की पगार लेने के लिए स्थल यंत्री बनें है।