बेतरतीब यातायात अब शहर की पहचान, पुलिस ने भी मानी हार
तरावट बनी गले की फांस

बेतरतीब यातायात अब शहर की पहचान, पुलिस ने भी मानी हार
तरावट बनी गले की फांस
जबलपुर यशभारत। यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए नगर निगम एक तरफ सड़क किनारे ठेले, टपरे खड़े कर सब्जी, फल, चाय, चायनीज, फुल्की बेचने वालों को हटा रहा है। वहीं दूसरी तरफ दोबारा अतिक्रमण काबिज हो रहे हैं। शहर के नगरीय क्षेत्रों से लेकर उपनगरीय क्षेत्रों में यही नजारा देखने मिल रहा है। हर दोबार कब्जे हो गए हैं। सब्जी, फल ठेलों वालों के अलावा लस्सी, गन्ने के जूस के ठेले भी चहुंओर नजर आने लगे हैं। प्रमुख रूप से इच्छाधारी लस्सी सेंटर के काउंटर जो की यातायात थाना एवं नगर निगम से चंद कदमों की दूरी पर है सबसे ज्यादा क्षेत्र में जाम लगने का कारण इस समय ये लस्सी के काउंटर ही है
प्रमुख तीन विभागों ने साधा मौन
बात करें यातायात जाम की तो चंद कदमों पर यातायात थाना मौजूद है परंतु उनके द्वारा जाम की वजह बन रहे चार पहिया और दो पहिया वाहनो पर किसी भी प्रकार की चालानी कार्रवाई भी नहीं हो रही है इसके अलावा 100 मीटर की दूरी पर नगर निगम का अतिक्रमण विभाग भी स्थित है परंतु कुछ छुटपुट कारवाइयां करने के बाद अभी तक निगम ने इन काउंटरों पर कोई भी एक्शन नहीं लिया ।वहीं प्रदूषण से दूषित हो रही इन लस्सियों को जिस प्रकार से धड़ल्ले से ग्राहकों को परोसा जा रहा है उससे कहीं ना कहीं खाद्य विभाग की भी भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है कि कैसे कोई शहर के बीचो-बीच जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है और खाद्य विभाग ने मौन साधा हुआ है।
सड़क किनारे लगे हैं काउंटर
सड़क किनारे लगने वाले लस्सी के तीन चार काउंटर यातायात के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। दिन के 11:00 बजे से रात के 12:00 बजे तक इनके द्वारा ग्राहकों को लस्सी भी सड़क में ही परोस दी जाती है।कभी-कभी तो कार से आने वाले ग्राहक अपनी कार को बीच में लगाकर खड़े हो जाते हैं और यह ग्राहकों की सेवा करने की खातिर कार में ही लस्सी देने लगते हैं जिससे कि बीच में खड़ी इन चौपहिया वाहनों से पूरे सड़क में जाम लग जाता है वहीं दूसरी तरफ बाइकों से आने वाले ग्राहक भी अपनी गाड़ी सड़क में ही पार्क कर देते हैं और वहीं पर खड़े होकर लस्सी पीते नजर आते हैं।
जाम से बढ़ रहा प्रदूषण, परोस देते हैं वही दूषित लस्सी
शाम को यहां पर जाम का पीक आवर्स होता है उस वक्त धुएं से जमकर प्रदूषण फैलता है और उड़ती हुई धूल काउंटर में रखें दही पर जम जाती है और इसी से लस्सी बनाकर ग्राहकों को परोस दी जाती है। जाम की वजह से बढ़ रहे प्रदूषण से राहगीरों को नाक पर रूमाल रखकर गुजरना पड़ता है। बीच में यातायात थाना भी पड़ता है, जिसके पहले दवा की दुकानों के बाहर वाहनों के खड़े रहने से सामान्य यातायात के संचालन में असुविधा रोज की बात हो गई है।
शेड लगाकर मनमानी अतिक्रमण
नगरनिगम से चंद कदम की दूरी पर फुटवेयर की दुकानों के बाहर शेड लगाकर मनमानी अतिक्रमण किया गया है। पटियों के ऊपर जूते-चप्पल सजा दिए गए हैं। रेस्टोरेंट के बाहर तक पोहे के ठेले सहित अन्य तरीकों से अतिक्रमण को अंजाम दिया गया है। जरा आगे बढऩे पर लस्सी दुकानों का सर्वाधिक असुविधा पैदा करने वाला अतिक्रमण नजर आ ता है। यहां सुबह से देर रात तक सड़क के ऊपर अवैध पार्किंग करने वाले ग्राहक यातायात बाधित करने की वजह बनते हैं। इस दुकान के ठीक सामने सिविक सेंटर की तरफ जाने वाले मार्ग का तिराहा है, इस वजह से ट्रैफिक जाम रोज का सिरदर्द हो गया है।
पंचर वाले सड़क के ऊपर तक कब्जा कर चला रहे धंधा – एक बड़ी समस्या पंचर वाले भी हैं। इन दुकानों के संचालक बेखौफ अंदाज में सड़क के एक बड़े हिस्से के ऊपर वाहनों को खड़ा करके बेखौफ पंचर बनाने में मशगूल रहते हैं। सामने गन्ने का रस बेचने वालों से लेकर चाट व गुलाब जामुन के ठेले वाले भी धमाचौकड़ी मचाने में जुटे रहते हैं। जूस सेंटर के सामने भी सड़क पर ग्राहकों की भीड़ समस्या का सबब बनती है। मालवीय चौक तक यही आलम देखने को मिलता है।
ाजनीतिक हस्ताक्षेप के चलते कार्यवाही करना मुश्किल- यातायात जाम का मुद्दा कोई नया मुद्दा नहीं है इसके पूर्व इस मुद्दे को लेकर कई बार चर्चा की जा चुकी है जिसमें की तीन पत्ती से गुरुद्वारा तक का अतिक्रमण सर्वविदित है और कुछ अधिकारियों ने भी इन जगहों पर कार्यवाही करने की कोशिश भी की परंतु कहीं ना कहीं राजनीतिक और व्यापारिक संगठनों के हस्तक्षेप के कारण उचित कार्यवाही नहीं हो पाई जिसका खामियाजा जबलपुर की जनता को भुगतना पड़ा रहा है।