जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

MP में 5वीं, 8वीं परीक्षा के नियम बदले:पहली भाषा के मीडियम की अनिवार्यता खत्म; उर्दू-मराठी चुन सकेंगे

मध्यप्रदेश में इस बार 5वीं और 8वीं के एग्जाम बोर्ड पैटर्न पर होंगे। इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने परीक्षा के लिए भाषा चयन/ मीडियम के नियमों में ढिलाई दी है। राज्य शिक्षा केन्द्र ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। विभाग ने 5वीं और 8वीं की 2022-23 परीक्षा के संबंध में जारी निर्देशों में निम्नानुसार आंशिक संशोधन जारी किए हैं।

यह निर्देश जारी किए

  • प्राइमरी लैंग्वेज हिन्दी और अंग्रेजी रहेगी। इसके अलावा उर्दू, मराठी भाषा के चयन करने पर ऑप्शनल लैंग्वेज/थर्ड लैंग्वेज के रूप में हिन्दी सामान्य चुनना होगा।
  • 5वीं में प्राइमरी लैंग्वेज के रूप में हिन्दी और अंग्रेजी चुनने वाले स्टूडेंट्स ऑप्शनल लैंग्वेज (वैकल्पिक) के रूप में सामान्य उर्दू/सामान्य पंजाबी चुन सकेंगे।
  • 8वीं के छात्रों के लिए थर्ड लैंग्वेज के रूप में पूर्व में दिए गए ऑप्शन के साथ पंजाबी भाषा को भी सम्मिलित किया जाता है।
  • सरकारी स्कूलों के लिए 31 अक्टूबर 2022 को परीक्षा पोर्टल पंजीयन के लिए खोला जा चुका है। सुविधा की दृष्टि से सभी मान्यता प्राप्त प्राइवेट अनुदान प्राप्त स्कूल व मदरसों के छात्रों का पंजीयन पोर्टल पर 5 नवंबर से 25 नवंबर 2022 के बीच किया जा सकेगा।

प्रदेश में 13 साल बाद बदला पैटर्न

मध्यप्रदेश में करीब 13 साल बाद एक बार फिर 5वीं और 8वीं के एग्जाम बोर्ड पैटर्न पर होंगे। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड) ने वर्ष 2008 में दोनों ही क्लास से बोर्ड पैटर्न हटा दिया था। इस बार प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के 5वीं में करीब 15 लाख और 8वीं में 14 लाख छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। यानी जिलास्तर पर पेपर तैयार होगा। एग्जाम के बाद उत्तर पुस्तिकाएं दूसरे स्कूल में चेक होने के लिए जाएंगी। अब फिर से रिजल्ट भी निकलेगा और बच्चे फेल भी होंगे। उन्होंने पास होने का दो बार मौका भी मिलेगा।

फेल होने पर फिर से पढ़ना होगा

प्रत्येक अकादमिक वर्ष के अंत में दोनों क्लास की वार्षिक परीक्षा होगी। इसका प्रावधान मध्यप्रदेश राजपत्र में 2 मार्च 2019 में पब्लिश शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के संशोधन के प्रकाशित है। परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को दोबारा पेपर देने का मौका दिया जाएगा। इसमें भी फेल होने वाले छात्रों को उसी कक्षा में रोके जाने का (डिटेंशन पॉलिसी) प्रावधान है। प्रति छात्र देय शुल्क का भुगतान स्कूल करेगा। यहां स्पष्ट करना जरूरी है कि परीक्षा के नाम से छात्रों से अलग से शुल्क स्कूल नहीं वसूलेगा।

इसी सत्र से लागू होगा नियम

सत्र 2021-22 में मध्यप्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में 5वीं-8वीं के लिए वार्षिक परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर आयोजित की गई थीं। प्रदेश के स्कूलों में सत्र 2022-23 में यानी इसी साल से सरकारी स्कूलों के साथ-साथ मान्यता प्राप्त निजी और अनुदान प्राप्त स्कूलों में NCERT द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर 5वीं व 8वीं के लिए बोर्ड पैटर्न पर वार्षिक परीक्षा होंगी।

 

इस तरह होंगी परीक्षाएं

मध्यप्रदेश राज्य ओपन द्वारा पेपर तैयार किया जाएगा। इसके सेट सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी के ऑफिस भेजे जाएंगे। इसके बाद यह पेपर स्कूलों को दिए जाएंगे। परीक्षा के बाद कॉपियां जिलों के दूसरे स्कूलों को जांच के लिए भेजी जाएंगी। एक साथ रिजल्ट जारी होने के बाद ऑनलाइन रिजल्ट देखा जा सकेगा। इसमें एमपी बोर्ड की तरह ही बच्चों को कॉपी देने से लेकर अंक सुधरवाने का मौका दिया जाएगा। उसके बाद सप्लीमेंट्री की परीक्षा होगी।

IT प्लेटफॉर्म पर होगी परीक्षा

परीक्षा संचालन के लिए ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था होगी। पिछले साल कक्षा 5 व 8 बोर्ड पैटर्न वार्षिक परीक्षा के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा बनाए गए आईटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से परीक्षा हुई थीं। इस साल 2022-23 में भी इसी आईटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से वार्षिक परीक्षा होगी। यानी ऑनलाइन पेपर बनने से लेकर रिजल्ट तक ऑनलाइन घोषित होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon Join Yashbharat App