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झांसी में बर्निंग हॉस्पिटल: 10 मिनट में लगी आग और बुझे 10 चिराग

झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी से दिल को दहलाने वाली खबर सामने आई है। झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार की रात आग ने कहर दिखा। मेडिकल कॉलेज के नीकू वार्ड में अचानक आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। इस घटना को लेकर यूपी सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। प्रदेश के डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज पहुंच गए हैं। उन्होंने नवजात शिशुओं के परिवारों से मुलाकात की। डिप्टी सीएम ने नवजात शिशुओं की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।मेडिकल कॉलेज में पत्रकारों से बात करते हुए यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि नवजात शिशुओं की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम परिजनों के साथ मिलकर नवजातों के शव की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। पहली जांच प्रशासनिक स्तर पर होगी। यह जांच स्वास्थ्य विभाग करेगा। दूसरी जांच पुलिस प्रशासन करेगा। अग्निशमन विभाग टीम भी इस जांच का हिस्सा होगी। तीसरा मजिस्ट्रियल जांच के भी निर्देश दिए गए हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी।
जिम्मेदारों के खिलाफ होगी कार्रवाई
डिप्टी सीएम ने मेडिकल कॉलेज के नीकू वार्ड में आग लगने की घटना पर सख्त रुख दिखाया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई खामी पाई गई तो जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दोषियों में से किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सरकार बच्चों के परिजनों के साथ है। डिप्टी सीएम ने कहा कि फरवरी में फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ था और जून में मॉक ड्रिल भी हुई थी। ये घटना कैसे हुई और क्यों हुई, इस बारे में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
ब्रजेश पाठक ने कहा कि 7 नवजात शिशुओं के शवों की पहचान कर ली गई है, 3 शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। उन्होंने घोषणा की कि नवजात शिशुओं के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। बच्चों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट भी कराया जाएगा। किसी भी स्थिति में बच्चों के परिजनों को परेशानी नहीं होने देंगे। आगे इस प्रकार की घटना न हो, इसके लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
क्या है पूरी घटना
झांसी मेडिकल कॉलेज के नीकू (NICU) वार्ड में रात लगभग 10.30 बजे तक सब कुछ सामान्य था। इसके महज 10 मिनट बाद ही वार्ड का मंजर भयावह हो गया। इसको देखने वालों के रौंगटे खड़े हो गए। नवजात बच्चों का वार्ड आग की चपेट में आकर धू-धू कर जल रहा था। आग की लपटें वार्ड के बाहर से निकल रही थीं। थोड़ी ही देर में आग ने पूरे वार्ड को अपने आगोश में ले लिया।

नीकू वार्ड में आग लगने की सूचना से प्रशासनिक अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई। इधर, वार्ड में आग की खबर से वार्ड में भर्ती नवजात बच्चों के परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। आग को देख परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने लोगों को अंदर जाने से मना कर दिया। मेडिकल कॉलेज के नीकू (एनआईसीयू) वार्ड के 2 कक्ष में नवजात शिशु भर्ती थे।

आग लगते ही वहां धुआं भरने लगा। सूचना पर पहुंची पुलिस और सेना के जवानों ने अंदर जाने का प्रयास किया, लेकिन आग की लपट तेज होने से वह अंदर नहीं जा सके। सेना के जवानों ने वार्ड की खिड़की एवं दरवाजों को तोड़ा और अंदर दाखिल हुए। इसके बाद सेना के जवानों ने कुछ बच्चों को बाहर निकाला।

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